Meet Shreevastav   (© मीत)
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शायर नहीं हूं मैं ,
जो गुज़रा है वही लिखता हुं ।।
🖤☺️
Joined 16 August 2020


शायर नहीं हूं मैं ,
जो गुज़रा है वही लिखता हुं ।।
🖤☺️
Joined 16 August 2020
1 FEB AT 18:49

में तजुरबो में घिरा बदनसीब आदमी हूँ
गंवा दिये है कईं यार आज़माने मे।।

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4 OCT 2023 AT 18:09

एक नया गीत ढूँढ लेंगे हम
फिर कोई मीत ढूँढ लेंगे हम
ज़िंदगी फ़िक्र छोड़ आगे बढ़
हार में जीत ढूँढ लेंगे हम

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5 AUG 2023 AT 0:25

पुरुष इसलिए नहीं रोते
क्योंकि उनके पास
दुपट्टे नहीं होते,

उन्हें पता है पुरुषों के
दुख संभालने के लिए
अभी तक कंधे नहीं बने

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24 JUL 2023 AT 14:40

तेरी सहमति और असहमति का
मान करना जानता हूं,
तेरे मान स्वाभिमान का
सम्मान करना जानता हूं,
मैं जनता हूं प्रेम है
थोपा ये जा सकता नहीं
इसलिए हर पक्ष और
हर पहलू का ध्यान करना जनता हूं,
किंतु जितना तुझे मैं मानता हूं
उतना ही स्वंम् को पहचानता हूं,
मैं अपने भी स्वाभिमान पर
अभिमान करना जनता हूं,
तेरी स्वीकृति अस्वीकृति का
तुझको पूर्णता अधिकार है
पर गिड़गिड़ा कर प्रेम पाना
न हरगिज़ मुझे स्वीकार है,
यदि प्रेम हो तो पूर्ण हो
परिपूर्ण हो, सम्पूर्ण हो

यदि भीख में मिले प्रेम तो धिक्कार है ।।


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20 JUL 2023 AT 18:22

मै उसके सामने एक खुला ख़त हूं....
वो शख़्स लिफाफे में बंद है आज भी।।

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18 JUL 2023 AT 21:18

एक दिन
इज़ाजत मिली सबको
अपना प्रिय चुनने की
सूरज ने रौशनी चुन ली
चांद,तारों के साथ हो लिया
नदियां सागर से जा मिलीं
हवा, खुशबू के पीछे भाग गई
बरखा ने बादल को
गले लगाया
और प्रेम..............
प्रेम ने थाम ली
प्रतीक्षा की कलाई !

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16 JUL 2023 AT 13:35

हाथ फैलाकर तुमसे प्रेम मांगने का हक़ तो नहीं है
लेकीन तुम्हारे सामने नकमस्तक होकर
तुम्हारी सारी पीड़ाएं ,
अपने नाम करने का अभिलाषी रहूंगा।

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30 JUN 2023 AT 0:24

हर बात को हस कर टालने वाले पहले रो कर सब समझ चुके होते हैं

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23 JUN 2023 AT 12:34

Meet's Poetry:
सुबह मैं खड़ी थी मेरे सामने आईने में
लकीर चांदी की दिखी हल्की आईने में

बीस का पड़ाव कब का पार कर गई मैं
तीस आता दिख रहा मुझे आईने में

ये नहीं के वो मेरे पीछे नहीं आया
जाते देखते रही उस को आईने में

कल रात मेरे ख्वाबों में फिर से वो आया
सूजी आंखें देखती रही मैं आईने में

लिखा नहीं साथ तेरा मेरे इस जन्म में
बिंदिया लगाई छुप के चुपचाप आईने में

तुझसे जुदाई जाने किस बात की सजा है
मुझे पाप दिखता नहीं दूर दूर तक आईने में

होनी के आगे जोर चलता किस का
मर्जी खुदा की जानी पोंछे अश्क आईने में ।।

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8 JUN 2023 AT 23:53

कत्ल करता तो दुनिया की नज़रों में आजाता
कातिल चालाक था मोहब्बत करके छोड़ गया

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