md salman   (Salman parwez)
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Joined 13 September 2020


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Joined 13 September 2020
7 OCT 2023 AT 15:42

My heart

2018 :- 🫀
2019 :- ❤️
2020 :- 💔
2021 :- ❤️‍🩹
2022 :- 🖤
2023 :- 🪨

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24 SEP 2023 AT 15:05

तुम्हारे वास्ते बस दिल लगी है
मगर मेरी तो ये जां पर बनी है
मैं तुझको रोकता हूं इस लिए भी
तु मेरी जिंदगी में आखरी है
तुझे मुझसे नहीं जब रब्त कोई
मुझे खिड़की से क्यों तु झांकती है
जो हंसती थी मेरे रोने से अब वो
मेरे सीने से लग के रो रही है
सितम तो ये है की मुझे छोड़ कर खुद
मुझे ही बेवफा वो कह रही है

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22 SEP 2023 AT 20:26

तू चाहता है किसी और को पता ना लगे
मैं तेरे साथ फिरूं और मुझे हवा ना लगे
तुम्हारे तक मैं बहुत दिल दुखा के पहुंचा हूं
दुआ करो के मुझे कोई बददुआ ना लगे
तेरे बाद कोई तेरे जैसा ढूंढता हूं
जो बेवफाई करे और बेवफा ना लगे
तुझे तो चाहिए है और ऐसा चाहिए है...2
जो तुझसे इश्क करे और मुबतला ना लगे
हज़ार इश्क करो लेकिन इतना ध्यान रहे
की तुमको पहली मोहब्बत की बददुआ ना लगे

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14 AUG 2023 AT 17:40

मैंने सोचा नहीं था की इतनी जल्दी अलविदा कहूंगा
तुम जिंदा रहोगे और मैं तुमसे जुदा रहूंगा
मेरे बगैर अब तुम्हारी जिंदगी का आगाज़ ए बज़्म होता है
अब आगे की कहानी जो चाहो लिख लो अब यहां से मेरा रोल खत्म होता है

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2 AUG 2023 AT 20:17

दुनियां के साथ यार भले ही बुरा था मैं
ये देख तेरे साथ तो अच्छा रहा था मैं
हैरां हूं वो ही बोझ समझने लगा मुझे
वो जिसका एक उम्र तलक आसरा था मैं
उस सांवली को कोई और देखता ना था
उस सांवली को इस लिए भी देखता था मैं
फिर मेरे बाद तूने भटकना है दर बदर
ऐ दोस्त तुझको इस लिए भी रोकता था मैं

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23 MAY 2023 AT 17:53

ऐ दिल क्यों उसके खातिर बेकरार रहता है
मुहब्बत का यारों एक अलग ही खुमार रहता है
वो हर बार मेरी मोहब्बत को ना कुबूल करती है
फिर भी मेरे होठों पर मोहब्बत ए इज़हार रहता है
ये जानते हुए की वो मेरे तकदीर में नहीं
फिर भी क्यों इन आंखों में उसका इंतजार रहता है

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7 APR 2021 AT 16:46

जाने को जा रहा हूं तेरी अंजुमन को मैं,
और अंजुमन की याद हमेशा सताएगी...
गूंजेगा जब ज़ेहन में चहकाना जनाब का,
आंखों में अश्क बनकर तेरी याद आयेगी...

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25 FEB 2021 AT 12:34

रोज़गार की चाहत

खाली कंधो पर थोड़ा सा भार चाहिए
बेरोजगार हूं साहब रोजगार चाहिए

जेब में पैसे नहीं है डिग्री लिए फिरता हूं
दिनों दिन अपने नज़रों में गिरता हूं
कमियाबी के घर में खुले किवाड़ चाहिए
बेरोजगार हूं साहब रोजगार चाहिए

Talent की कमी नहीं है भारत की सड़कों पर
दुनियां बदल देंगे भरोसा करो इन लड़कों पर
लिखते लिखते मेरी कलम तक घिस गई
नौकरी कैसे मिले जब नौकरी ही बिक गई
नौकरी की प्रक्रिया में अब सुधार चाहिए
बेरोजगार हूं साहब रोजगार चाहिए

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2 JAN 2021 AT 11:04

ज़िन्दगी को जीना सीखो
मुस्कुराकर दर्द सहना सीखो
यूं तो बहुत ज़ालिम है ये दुनियां "मगर"
इस दुनियां में भी मोहब्बत करना सीखो

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30 DEC 2020 AT 14:32

अकेले हैं तो क्या हुआ अकेले जी नहीं सकते क्या...
हम तुम्हें पा नहीं सके तो क्या हुआ शराब पी नहीं सकते क्या...
माना कि बहुत दर्द देती है ये ज़ालिम दुनियां हमें तो क्या हुआ..
तुम्हारे जुदाई का ग़म सह लिया तो ये दर्द नहीं सह सकते क्या..

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