मैने नशे मे पढ़ ली नमाज़
गुनाह तो कर लिया हे।
हो मुकरू हि सही,
लेकिन खुदा को सजदा तो कर लिया हे।
अब अंजाम इसका मुझे भी पता नही.....।
हश्र के मैदान की तैयारी तो कर लिया हे।
अब बताएंगे वो, जो होश मे हे, खुदा क्या हे..?
मैने मदहोश हि सही , उसको महसूस कर लिया हे।
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