कब से तन्हा हूंकभी बढ़ता कभी घटता हूं,कभी अमावस्या कभी पूर्णिमा में ढलता हूं -
कब से तन्हा हूंकभी बढ़ता कभी घटता हूं,कभी अमावस्या कभी पूर्णिमा में ढलता हूं
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चांद ऊंचा है बहुतउससे तुलना करना छोड़ दो,बेमतलब खुशियों की खोज मेंपरेशान होना छोड़ दो। -
चांद ऊंचा है बहुतउससे तुलना करना छोड़ दो,बेमतलब खुशियों की खोज मेंपरेशान होना छोड़ दो।
बिना जिन्दगी को पढ़े! -
बिना जिन्दगी को पढ़े!
acceptance of self intermittency -
acceptance of self intermittency
The music I carryis of Autumn;the art of fallingwithout contrition! -
The music I carryis of Autumn;the art of fallingwithout contrition!
मैं और रात! -
मैं और रात!
Somebody! -
Somebody!
Chaotic serenity,Silent stormsEuphoric shores! -
Chaotic serenity,Silent stormsEuphoric shores!
हम समझ आएंगेउतर के देखना होगाकतरा-कतरा,लहरों से आप अंदाजा नहीं लगा पाएंगे -
हम समझ आएंगेउतर के देखना होगाकतरा-कतरा,लहरों से आप अंदाजा नहीं लगा पाएंगे
दर्द-ए-जुबां जप्त हो गई,कहना सुनना बंद हो गयाऔर;हंस के बातें टालने का दौर शुरू हो गया -
दर्द-ए-जुबां जप्त हो गई,कहना सुनना बंद हो गयाऔर;हंस के बातें टालने का दौर शुरू हो गया