Manisha Singh   (Man Ki Aawaz)
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Joined 27 November 2019


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Joined 27 November 2019
23 APR AT 9:20

नवमी पर राम आए थे, पूर्णिमा पर हनुमान आए हैं।
दुल्हन सी सजी है धरती, स्वर्ग से भगवान आए हैं।

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22 APR AT 11:43

If you created
the mess by mistake
then organize it beautifully
to create aesthetics

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21 APR AT 12:49

Gives vision
to our dreams
And energy
to manifest them

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19 APR AT 11:40

It's not love
if it can't be poured
Love is meant
to be shared

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17 APR AT 10:36

इतने सरल स्वभाव थे,
वे तो सहज ही भाव थे,
सहजता में रहना कठिन है।
राम पर लिखना कठिन है।

सूर्य का वो अंश थे,
राम स्वयं ही वंश थे,
इतना तेज़ सहना कठिन है।
राम पर लिखना कठिन है।

सत्ता को रख ताक पर,
चल दिये वनवास पर,
काँटों पर चलना कठिन है।
राम पर लिखना कठिन है।

साहस का उत्कर्ष थे,
संसार का संघर्ष थे।
संघर्षों से लड़ना कठिन है।
राम पर लिखना कठिन है।

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15 APR AT 14:58

धोखा देकर,
वफ़ा की उम्मीद करते हैं।
कितने नादान लोग हैं,
बबूल बोकर
आम की उम्मीद करते हैं।

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15 APR AT 0:07

कहीँ पर पहुँचने के लिए कहीँ से निकलना पड़ता है,
हमें अपने ही बनाए दायरे से बाहर निकलना पड़ता है।

कोई फ़ैसला लेना हो तो किन्तु परंतु छोड़ना पड़ता है,
किसी से किए वादे तो किसी का दिल तोड़ना पड़ता है।

प्रारब्ध तो सब पहले से ही ऊपर लिखा जा चुका है,
हम मनुष्यों को तो बस अपना कर्म करना पड़ता है।

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10 APR AT 15:40

कान्हा तेरी ऑंखें,
सुकून है मेरा।
तुझे चाहना और चाहते,
रहना ही जुनून है मेरा।

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9 APR AT 0:28

मंगल करे सो माँ,
अमंगल हरे सो माँ।

भक्ति दे सो माँ,
शक्ति दे सो माँ।

अन्न धन दे सो माँ,
निर्मल मन दे सो माँ।

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8 APR AT 16:41

बस वो कहे और मैं मुस्कुरा दूँ,
बात बात पर उसे गले लगा लूँ।

मैं ज़मी पर बैठूँ और उसे आसमां बना लूँ,
पानी में चीनी सा घोल उसे शर्बत बना लूँ।

इतना समझने लगें फिर एक दूजे को हम,
कि वो पलकें उठाए तो मैं पलकें झुका लूँ।

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