आज दिल यादों से भरे एक ऐसे मैदान में जा फंसा है,
जिसमें बहुत सारे लोगों की यादें भरी है,
और फिर दिल जाके रुकता है एक ऐसे इंसान की यादों के पास जिससे रिश्ता बेहद खास था,
प्यार, मोहबब्त और खून के रिश्ते से कहीं बढ़कर एक बेहद प्यारा रिश्ता,
इस मतलबी दुनिया का बेमतलब सा रिश्ता था हमारा।
वो एक ऐसा शख्स था जिसकी हर तकलीफ मुझे अपनी लगती,
अगर कोई मुझे समजना चाहता है तो उससे बेहतर कोई नहीं समझा सकता था,
दिनभर उससे बातें कम ओर लड़ाई ज्यादा होती ,
खुद हर कुछ कहता था पर कोई ओर कुछ कहदे तो उससे लड़ लेता था,
इश्क़ नहीं था मुझे उससे पर वो दिल को प्यारा बहुत था।
पर इस मतलबी दुनिया में मतलब ही लोगो को जोड़े रखता हैं,
फिर हमारा रिश्ता तो बेमतलब का था तो ज्यादा टिका नहीं,
कुछ गलती मेरी थी तो कुछ बाते उनकी जूठी निकलीं,
और कुछ इस तरह ख़तम हुआ वो बेहद प्यारा सा रिश्ता की अब दिल के किसी कोने में एक नाराजगी के अलावा कोई जज़्बात नहीं रहा उस शख्स के लिए।
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