मुकुन्दस्त्वया प्रेमदोरेण बद्धः
पतङ्गो यथा त्वामनुभ्राम्यमाणः ।
उपक्रीडयन् हार्दमेवानुगच्छन्
कृपा वर्तते कारयातो मयेष्टिम् ॥
हरे कृष्ण हरे कृष्ण
कृष्ण कृष्ण हरे हरे
🙏हरे राम हरे राम🙏
🙏राम राम हरे हरे🙏
हे राधे !
प्रभु श्री कृष्ण तो सदा तुम्हारी प्रेम डोर से बंधे रहते हैं
और एक पतंग की भांति तुम्हारे आस पास ही रहते हैं
और क्रीड़ा करते हैं | हे देवी, हे श्रीकृष्ण स्वरूपे !
आपकी कृपा तो सब पर होती है,
आप मुझ पर भी अपनी कृपा करें
तथा मुझ से भी अपनी सेवा करवाएं |
💐💐सुप्रभात💐💐
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