सिखाया है प्रेम ने मुझे...
अपने मन विचार आचरण काबू मे रखना
खो गयी जब इस मायावी नगरी मे
प्रेम ने फिर खुद से मिलवाया है मुझे...
जगत का आयना दिखाया है मुझे...
व्यर्थ होती है सारी चिंताये सुख दुःख सारे विचारों की माया है
नही होता दुनिया मे अलग सा कोई सभी परमात्मा का अंश है ऐसा ज्ञान दिलाया है मुझे...
मत भागो भौतिक सुख की ओर इससे
अंतरीक मन दुःखी हो जायेगा ये प्रेम ने समझाया है मुझे...
करुणा की गरिमा का पाठ पढाया है मुझे...
कली युग मे द्वापार युग के प्रेम का आभास दिलाया है मुझे...
जिंदगी की राह पर चलते परमात्मा से प्रेम ने मिलाया है मुझे
ममता का सागर भरा है जिस प्रेम मे करुणा से अपने दिल से लगाया है मुझे...
प्रेम वाणी कृष्ण वाणी है
इसने मेरा अंतरात्मा दिखाया है मुझे...
पवित्र प्रेम की परिभाषा होती है दिल की अपनी भावनाए...
यु ही सबका दिल धडकाए,कमजोरी को भी ताकद बनाए...
प्रेम मे होती है एसी शक्ती दिव्याए,प्यार का दिपक है दिल मे जलाए...
प्रेम खुद जल कर प्यार की रोशनी फैलाए...
प्यार का ये अद्भुत एहसास प्रेम ने दिलाया है मुझे...
प्रेम मे ही परमात्मा, परमात्मा ही प्रेम है...
वही मेरी अंतरात्मा,मेरी अंतरात्मा ही प्रेम है...
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