क्यो कुछ कहना जरुरी है तुमसे,
क्यो कुछ कह कर ही कह पाऊँगी तुमसे,
क्यो जरुरत है कहने की जो कहना है तुमसे,
महसूस तो तुमने भी किया होगा ना,
महसूस तो तुमने भी किया होगा वह प्यारा सा अहसास जो तुम्हे देख कर होता है,
महसूस तो तुम भी करते होगे ना,
बहुत अच्छा लगता है तुम्हारा पढ़ाई के बहाने अपने घर से निकल कर रात भर मेरे घर के बहार खड़े रहना,
मैं जानती हूँ कि हम दोनो ही उन छोटे-छोटे अहसासों को पता नही कहाँ भूलने लगे है,जीवन की आपाधापी में उन खूशियो को रख कर कही छोड़ आये है,जानती हूँ जिन्दगीं की बदलती तस्वीर ने तुम्हे भी बदल दिया है,जिम्मेदारियों ने तुम्हें भी थोड़ा अपने जैसा कर दिया है,
चलो एक बार फिर उन एहसासों को खोज लाते है,
रख कर भूल गये है जहाँ वही से बटोर लाते है,
चलो जीते है फिर से कुछ पल साथ,
चलो फिर से वह प्यार दोहराते है।
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