जो भी है, चला जाता है,
जो भी है, चला जाता है,
वक़्त वापस लौट कर फिर कहा आता है.
वक़्त वापस लौट कर फिर कहा आता है.
गहरा सा जख्म यादों का दे जाता है,
गहरा सा जख्म यादों का दे जाता है,
जो भी है, चला जाता है
चला जाता है...
बिता हुआ हर एक पल महज यादों में सिमट कर रह जाता है,
बिता हुआ हर एक पल महज यादों में सिमट कर रह जाता है.
वक़्त वापस लौट कर फिर कहा आता है.
तहरीर यादों की दिल पे रह जाती है,
आवाज़ यादों की कानो में झनझनाती है,
ज़िन्दगी को जी-लो थोड़ा दिल खोल कर,
यह वक़्त निकल जाता है बिना कुछ बोल कर.
हर दौलत हर शोहरत यही रह जाती है.
ज़िन्दगी कुछ ही पलों में सिमट जाती है,
लोग तो चले जाते है,
लोग तो चले जाते है,
बस उनकी यादों का सहारा रह जाता है.
जो भी है, चला जाता है,
जो भी है, चला जाता है...
वक़्त वापस लौट कर फिर कहा आता है.
वक़्त वापस लौट कर फिर कहा आता है....।।
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