जब अकेला पन लगने लगे तो समझ लेना परमात्मा ने तुम्हे चुन लिया है, इसलिए भीड़ से निकाल कर अकेला कर दिया और कह रहा है, सिर्फ तुम हो मेरे राह के मुसाफिर जहा मैं हु वही है तुम्हारी मंजिल
बुद्ध जैसा व्यक्ति जब भी कहीं पैदा होगा, पंडित पुरोहित उसके विपरीत खड़े हो जाएंगे, क्यूंकि उसकी चोट उनके धंधे को तोड़ने लगती है, उसकी चोट से लोग जागने लगते हैं और देखने लगते हैं कि पंडित पुरोहित तो केवल दुकानदार व्यापारी शोषक हैं ।