Lopamudra Pal   (LopaTheWriter✍️)
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Joined 20 June 2021


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Joined 20 June 2021
27 APR AT 19:21

"The dried tree shows the strength of love and happiness in itself."

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22 APR AT 22:23

We forget the sorrows,
Our heart beats roar high,
Emotions unwind themselves,
Embrace the moment
Ecstasy of love touches the sky.

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22 APR AT 22:15

ज़िन्दगी इतनी बेरहमी से देखेगी हमें,
ज़िंदा रहने की कभी ख्वाहिश ना करते,
अगर मैं जान पाता,
मोहब्बत में मिलेंगे लाखों ग़म हमें बेवज़ह,
सनम के साथ जीने की साज़िश ना करते।

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22 APR AT 22:09

नकारना अस्तित्व पुरुषों की, बुज़दिली है,
समेटे संसार को, ये उनकी ज़िंदादिली है।

समझना होगा उसके वज़ूद को सलीके से,
मोहब्बत करे शिद्दत से, उनकी दरियादिली है।

बहकना ना उनके बातों से कभी मदहोश हो ,
बेवफ़ाई का रूख़ करा दिखाए संगदिली है।

चट्टान से भी मजबूत अस्तित्व उसका है,
सच्चाई को निहारे, ये उनकी साफ़दिली है।

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22 APR AT 21:49

संग चलते हैं यादों के काफ़िले,
कौन किस डगर पर हमसे मिले।

लेकर मोहब्बत चल रहें हैं हम,
दर्द भी आए तो होंठों को सीले।

तन्हा नहीं मैं जब साथ तुम मेरे,
दिल की कलियां तुमसे है खीले।

नादान समझ कर प्यार कर बैठे,
ना कभी रखा तुमसे शिकवे गिले।

साथ ना छोड़ने की बात जो हुई,
चलो हकीकत ना सही, ख़्वाबों में मिलें।

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22 APR AT 21:43

तुम जो गर साथ नहीँ, पहली सी वो बात नहीँ,
साँसें चलती हैं मगर, निभाता लम्स साथ नहीँ।

गैर की बाहों में देखा तुम्हें, शिकस्त हुए पर मात नहीँ,
मौसम की तरह बदले तुम, पर हुई कभी बरसात नहीँ।

तेरी यादों को संजोए रखा है दिल में, छुड़ाना साथ नहीँ,
यादें ही सहारा जीने का, तेरे बिन आते दूजा ख़्यालात नहीँ।

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22 APR AT 21:41

कहीं दिखाई ना दे दर्द मेरे आँखों से,
भीड़ में शामिल हो चुके हैं अब तो,
कहीं गलती से ना देखे दुनिया सलाखों से।

यह दुनिया कभी है बेदर्दी, कभी कमज़र्फ,
देखे ना सबको सही तरीके से,
आईना ख़ुशी से देख लूँ अपने हरकतों के,
बस पेश आए सब सलीके से।

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22 APR AT 21:34

अंजान बन मत बैठो मेरी जान,
दिखता सबकुछ साफ़ तरीके से,
बहाना बनाकर जाओगे कहाँ,
मोहब्बत करो, तो करो सलीके से।

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20 APR AT 18:22

हिज़्र-ए-पतझड़ भी बीत जाएगा,
कुर्बत-ए-बहार जल्द आएगा,
रख हौसला तू हुस्न-ए-अदब पे,
मुर्झाया फूल भी मुस्कुराएगा।

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19 APR AT 0:08

बह जाने दो, तितर-बितर होने दो लम्हों को, वो कहाँ रुकते हैं,
सुन लो अपनी दिल की सदाएं, अदाओं पर वार कहाँ झूकते हैं।

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