मुस्कुराने का हुनर तो खूब आता था छोटू कम्बकत आँखो की नमी ने मज़ा ख़राब कर दिया -
मुस्कुराने का हुनर तो खूब आता था छोटू कम्बकत आँखो की नमी ने मज़ा ख़राब कर दिया
-
टूटने और बिखरने की आदत तो शुरू से रही छोटू अफ़सोस जोड़ने कोई ना मिला -
टूटने और बिखरने की आदत तो शुरू से रही छोटू अफ़सोस जोड़ने कोई ना मिला
लफ़्जो मे कहा बयाँ होता हर लम्हा छोटू , कुछ पल जीने का मज़ा देते है -
लफ़्जो मे कहा बयाँ होता हर लम्हा छोटू , कुछ पल जीने का मज़ा देते है
रोशन है तुज़से मेरे प्यार का जहां जो बात तुझमें है छोटू , वो किसी ओर में कहा -
रोशन है तुज़से मेरे प्यार का जहां जो बात तुझमें है छोटू , वो किसी ओर में कहा
कभी मिल सको तो मिलना , कुछ कहना - कुछ सुनना , अगर ना मिल सको तो छोटू , खुश रहना -
कभी मिल सको तो मिलना , कुछ कहना - कुछ सुनना , अगर ना मिल सको तो छोटू , खुश रहना
कारवाँ चलता रहा ओर कस्ती टूट गयी , देखते ही देखते ज़िंदगी छूट गयी ,ओर सहने वाले भी क्या ग़ज़ब सहते है छोटू , बेवजह आँखो से बारिश फूट गयी -
कारवाँ चलता रहा ओर कस्ती टूट गयी , देखते ही देखते ज़िंदगी छूट गयी ,ओर सहने वाले भी क्या ग़ज़ब सहते है छोटू , बेवजह आँखो से बारिश फूट गयी
झूट बोलकर जुड़े रहने से अच्छा है छोटू , सच बोलकर मसला ख़त्म कर दो -
झूट बोलकर जुड़े रहने से अच्छा है छोटू , सच बोलकर मसला ख़त्म कर दो
इंसानो की बस्तियाँ तो कब की तबाह हो गयी छोटू , नामुरदो की बस्ती में रहना पड़ता है कभी राख बनकर तो कभी इंसान बनकर -
इंसानो की बस्तियाँ तो कब की तबाह हो गयी छोटू , नामुरदो की बस्ती में रहना पड़ता है कभी राख बनकर तो कभी इंसान बनकर
अब उम्र के इस दोर में एक आवाज़ देखता हु , में खिड़की से बाहर देखूँ तों मोसम बार बार देखता हु , ओर किसी को शिकायत है मुजसे तो कोई ख़फ़ा है मुजसे , में जिधर भी देखूँ में तो यार देखता हूँ -
अब उम्र के इस दोर में एक आवाज़ देखता हु , में खिड़की से बाहर देखूँ तों मोसम बार बार देखता हु , ओर किसी को शिकायत है मुजसे तो कोई ख़फ़ा है मुजसे , में जिधर भी देखूँ में तो यार देखता हूँ
क्रोध अग्नि से भी भयानक है , पस्यताप पानी से भी शीतल है , ओर मन वायु से भी चंचल है , फ़िर भी परमात्मा मनुष्य में निवास करता है -
क्रोध अग्नि से भी भयानक है , पस्यताप पानी से भी शीतल है , ओर मन वायु से भी चंचल है , फ़िर भी परमात्मा मनुष्य में निवास करता है