कवि प्रिया   (कृतिका)
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Joined 4 January 2019


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29 DEC 2021 AT 14:13

कुछ शब्द यूं ही, कहते चलें हैं;
अब यूं ही हम, जीते चलें हैं।।

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9 FEB 2021 AT 12:38

Happy chocolate day

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5 FEB 2021 AT 14:07

तकलीफ बहुत होती है...उन बातों से जो तुम ज़हर की तरह उगलते हो,
पथ तो प्रेम का चाहा था मैंने... लेकिन तुम ही तो काटें बोते हो
इतनी खीज आने लगी है मुझे, कि खुद अपनी इस जिंदगी से ऊब आने‌ लगी है।।

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12 MAY 2020 AT 6:57

जिसे बेइंतहा मुहब्बत की मैंने,
जिसके आगे ईश्वर के समान शीश नवाया....
आज वही हमारी वफ़ा का सबुत मांग रहा है।

जिसके संग सपनों का आशियाना बनाया,
उसी ने मुझे अविश्वास के कठघरे में ला खड़ा किया।

रास्ते अब न नज़र आते मुझे...
जिंदगी धुंधलाने लगी है,
ठोकरों का सिलसिला कुछ इस क़दर शुरू हुआ है ...
अब न जाने जिंदगी कहा ले चलें।।

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22 APR 2020 AT 11:51

ये दुविधा संशय पैदा करती है,
ये दुविधा यूं तड़पाती है.... जैसे जल बिन मछली तड़पती है।

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7 APR 2020 AT 8:44

तकलीफ़ तो बहुत हो रही है,
हिम्मत तो पूरी छुट गई है,
संग तेरा कांटों से भरा है....
तेरे पास आने का रास्ता कंकड़ से जड़ा है,
खुद के अस्तित्व को झुकने न दे पाऊंगी।
प्यार मांगा था पर मुझे ज़हर मिला है.....
सब कुछ जानते हुए भी बस यही कहूंगी.....
हार न मानो क्योंकि संग तेरे में खड़ी हूं।।

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6 JAN 2020 AT 13:56

क्योंकि अब मैं बेबस हो चुकी हूं।
धीरे-धीरे भुल चली हूं.... अपने इस अस्तित्व को,
धुंधला गई है मंजिलें, अब तुम बस करो।।

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1 JAN 2020 AT 7:47

आपको सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं,
नव वर्ष आप सभी को नई ऊंचाइयां और तरक्की दे,
आप सभी का जीवन मंगलमय हो।।

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31 DEC 2019 AT 20:50

बीते साल में कुछ मिला नया अहसास जीने के लिए,
कुछ मिलें नए दोस्त रास्ते दिखाने के लिए,
किसी ने विश्वास तोड़ा, तो किसी ने हमें फिर से जोड़ा,
साथ मिलता रहा, खुशियां बढ़ती गई और कारवां बनता गया......
इस तरह सिलसिला चलता गया और नया वर्ष आ गया.....😊😊

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30 DEC 2019 AT 15:14

ये वो जानता नहीं ,
जान कर भी देखो अब वो,
इस बात को भी मानता नहीं....
गुमशुदा होकर भंवर में हम यूं ही फंसते जाएंगे,
आह भी निकलेगी मुंह से.....
हम यूं ही खोते जाएंगे।।

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