Kushi Yadav   (Introvert)
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Joined 22 November 2022


Joined 22 November 2022
19 AUG 2023 AT 22:04

ये धुंध चड़ी है आँखों पे,
इसको समझ तो सही,
क्यों बैठा है आस में,
इस पर अमल तो कर सही।

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8 AUG 2023 AT 23:14

यूँ बैठी तो एक ख्याल आया मन को,
ना तराशूँ खुदको तो क्या हकीकत होगी मेरी,
ऐसा तो नहीं बिना बगावत की लकीरें होंगी मेरी,
बैठीं हूँ घमंड में कि वाह- वाह होगी,
क्या सचमें ऐसी किस्मत होगी मेरी?

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2 AUG 2023 AT 17:47

मुशायरे में शायरो को नामा कीजिए,
कुछ शेरो शयारी का काम आप भी कीजिए,
हम तो भटकते हैं शब्दों की तलाश में,
यूँ हमारे वक़्त को बदनाम न कीजिए

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2 AUG 2023 AT 14:53

गम की स्याही को संभाल कर बैठे है,
क्या कहे हम तो गालिब हो बैठे हैं,
उनका हमसे कोई वास्ता न था,
और हम बवाल किए बैठे हैं।।

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10 JUL 2023 AT 21:39

चित्त को साध रही हूँ चित्त की शांति के लिए,
चिंतन कर रही हूँ चित्त की अक्रांति के लिए।

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8 JUL 2023 AT 17:58

कुछ उदास सी हुँ कुछ अनमनी सी हुँ,
लड़ रही हूँ पर कुछ हारी सी हुँ,
हिम्मत बहुत है पर कुछ डरी सी हुँ,
बयाँ कर रही हूँ पर कुछचुप सी हुँ

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8 JUL 2023 AT 16:46

ये युद्ध है जिसका अंत न होगा,
अनंत का अंत संभव न होगा,
जो मिल जाए बिना लड़े,
ऐसा कोई संभव न होगा।

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