जब प्यार करते हो तो इतना छुपाते क्यों हो
जब इतना डरते हो तो इज़हार क्यो करते हो
साथ नही रहते, फिर भी इतना हक जताते क्यों हो
अपनी कड़वी बातो से मुझे रुलाते क्यों हो
प्यार करते हो पर इतना जताते क्यों हो
अपनी हरकतो से सताते क्यो हो
अनसुलझि, अनकहि, बातो को छोर जाना है
फिर ज़िंदगी मे बार बार आते क्यों हो
जब दुःख में साथ नही दे सकते, मदद नही कर सकते
झूठी दिलासा देकर इतना डींग क्यों हांकते हो
जीवन भर साथ देने कि वादा कर
कुछ कदम चलने के बाद इतना क्यू घबराते हो
जब हौसला,जज्बा नही है कुछ करने का
फिर इतना क्यों इतराते हो
जाओ खुश, आबाद रहो अपनी दुनिया मे
जो पुरा नही कर सकते, झूठी ख्वाब क्यु दिखाते हो
By अनुभव कृष्णा
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