Krishika Sankhat   (krishika)
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Joined 25 April 2020


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30 JAN 2022 AT 12:12

फर्क देखिये जनाब....

चिड़िया बड़ी हो कर उड़ना सीखती है ,
और बेटियां बड़ी हो कर कैद रहना सीखती है... — % &

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29 JAN 2022 AT 18:17

अजीब किस्सा है ज़िंदगी का अजनबी हाल पूछ रहे है ,

और अपनों को खबर तक नहीं 😑— % &

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29 JAN 2022 AT 13:15

तुम वादा करो बड़े शान से दफ़्नाओगे मुझको ,

तेरी कसम मैं बड़े शान से मर जाउंगी... — % &

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27 JAN 2022 AT 13:25

वो आवाज़े बीते लम्हो की जो ख़ामोशी में सुनते हो ,
ख्यालो की वो रंगीन चादर जो जेहन में अपने बुनते हो ,

उस चादर में बूना हर धागा वो धागा बीती याद का है ,
है जो रंग चढ़ा उस चादर पर वो रंग तेरी फरियाद का है...

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26 JAN 2022 AT 8:02

वो शाम जो आये अंजुमन के लिए ,

वो जज़्बा जो कुर्बान हो जाये वतन के लिए ,

रखते है हम वो हौसले भी जो मर मिठे हिंदुस्तान के लिए...

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24 JAN 2022 AT 12:19

चुम कर कफ़न में लपेटे मेरे चेहरे को उसने तड़प कर कहा ,

नए कपड़े क्या पहन लिए हमे देखते भी नहीं...

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23 JAN 2022 AT 9:34

हम अगर ताल्लुक रखते है तो निभाते है उम्र भर ,

हमसे बदले नहीं जाते यार भी और प्यार भी...

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23 JAN 2022 AT 9:32

हम अगर ताल्लुक रखते है तो निभाते है उम्र भर ,

हमसे बदले नहीं जाते यार भी और प्यार भी...

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22 JAN 2022 AT 12:57

कैसे लिखू एक दास्ताँ तेरी मेरी ,
ये चंद पन्नो की मोहताज़ तो नहीं...

कैसे शुरू करू सारी बातें फिर से ,
ये कहानी का कोई आगाज़ तो नहीं...

कैसे भूल जाऊ सारे कस्मे वादे ,
मैं बदला हुआ कोई मिज़ाज़ तो नहीं...

पर छूट गया हो कोई भुला दो उन्हें तुम ,
ऐसा भी लिखा कही रिवाज़ तो नहीं...

अब लगता है जैसे कोई पुकार रहा है मुझे ,
कहीं ये मेरे टूटे दिल की आवाज़ तो नहीं...

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31 DEC 2021 AT 19:27

गुज़रे साल को क्यों कोसूं मैं ,

पुराना साल भी तो कभी नया साल था...

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