Krati Tiwari   (KRATI TIWARI)
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Joined 19 July 2020


Joined 19 July 2020
16 SEP 2023 AT 11:08

मुस्कुराकर देखा तुमने तो मैं तेरी हो गई 😌
और कहते हो सारी खता मेरी हो गई... ✍

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15 SEP 2023 AT 11:14

कभी रोना है तो कभी हंसना है
कई ऐसे ही रंग हैं जिंदगी के
कभी कुछ पाना है तो कुछ खोना है
कई ऐसे ही रंग है जिंदगी के
कभी हारना है तो कभी जीतना है
कई ऐसे ही रंग है जिंदगी के
कभी थकना है तो कभी हिम्मत जुटाना है
कई ऐसे ही रंग है जिंदगी के
कभी जिंदगी छोटी है तो कभी जिंदगी बड़ी है
कई ऐसे ही रंग है जिंदगी के
कभी जिंदगी अनसुलझी पहली है तो,
कभी जिंदगी एक सच्ची सहेली है
कई ऐसे ही रंग है जिंदगी के
कई बदले- बदले से रंग हैं..✍

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14 SEP 2023 AT 22:23

हिन्दी में मान-सम्मान है और हिन्दुस्तान अभिमान है
हिन्दी में सरलता और संयम है और हिन्दुस्तान जान है
हिन्दी मे शौर्य-गाथा है और हिन्दुस्तान गर्व मान है
हिन्दी में आन-बान-शान है और हिन्दुस्तान सर्व मान है
हिन्दी में अपनापन है और हिन्दुस्तान वतन है
हिन्दी मे ज़ज्बात है और हिन्दुस्तान की क्या ही बात है
हिन्दी मे हिन्दुस्तान हैं और हिन्दुस्तान मे हिन्दी हैं
हिन्दी में मान-सम्मान है और हिन्दुस्तान अभिमान है

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14 SEP 2023 AT 22:12

मनपसंद शख्स मिल जाये तो, सारी क़ायनात की खुशी मिल जाती हैं
उस प्यार की मुस्कराहट भी मेरी हँसी में मिल जाती है ...!

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12 AUG 2023 AT 18:57

इतनी आबादी में आज़ादी से,रहना चाहती हूँ
बैखोफ आज़ादी से रहना चाहती हूँ
पंछियों सी उडक़र बादलों को छूना चाहती हूँ
लड़कों सा मैं भी हर जगह घूमना चाहती हूँ
तारों से अलग चाँद की तरह चमकना चाहती हूँ
अपने स्वाभिमान के साथ जीना चाहती हूँ
आत्मनिर्भर के साथ पैसा कमाना चाहती हूँ
स्वावलंबी होकर पूरा भारत देखना चाहती हूँ
सनातन धर्म के सभी मंदिरों के दर्शन करना चाहती हूँ
अपनी माँ का हर सपना पूरा चाहती हूँ
इतनी आबादी में आज़ादी से,रहना चाहती हूँ
बैखोफ आज़ादी से रहना चाहती हूँ ✍

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28 JUL 2023 AT 11:50

भीड़ में नहीं , नारी तुम अकेली चल
अपने लिए बेहतर सोचो तुम कल
भीड़ का हिस्सा नहीं तुम
भीड़ से अलग हो वही तुम
नए-नए सपनों आँखों में,
नए-नए अरमान हो
अब नारी तुम्हें ऐसा कुछ कर जाना हैं
जिससे तुम्हें खुद पर मान हो
भीड़ से हटकर लाखो में अलग नारी की पहचान हो
भीड़ में नहीं , नारी तुम अकेली चल
अपने लिए बेहतर सोचो तुम कल

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28 APR 2023 AT 9:32

अक्सर बुरी सीरतों की सूरतें भी
हसीन हुआ करती हैं,
संभलना लोग भरोसे पर छुरी
चलाने से कतराते नहीं हैं।✍

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25 MAR 2023 AT 21:09

अगर कभी तुम मेरे बालों को सँवारे तो नहीं करेंगे कभी उफ़ .....
क्योंकि प्रिय ये ही है स्त्री होने का ज़र्फ !

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22 MAR 2023 AT 17:07

तेरे बिन नामुमकिन अपना हर दिन गुजारा हो
तेरे बिन नामुमकिन मुझे मौत भी नागवार हो

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31 DEC 2022 AT 17:06

बनाकर चली मैं
खुद के सपनों के लिए सब भुलाकर चली मैं
छोड़ सभी रिश्ते-नाते तोड़ चली मैं
रब पर भरोसा बढ़ाकर चली मैं
खुद के सपनों को पूरा करने चली मैं
सपनों का जहान बनाकर चली मैं।

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