कभी नोकर में , कभी अफसर में !!
कभी घर , गली और दफ्तर में !!
जाने कितने रूप कितने किस्से है
वो शामिल है जिंदगी के हर अवसर में !!
उमंग उलाश खुशी की नींव जुड़ी है जिनके हाथों से !
मकान इमारत, मंजिल सब बनाते है बड़े सनेह और जजवातो से !
शामिल है हरदम , हर खुशी हर गम
में जुड़ी है जहा अपनी भावनाएं !।
मजदूर दिवस की सभी मजदूर साथियों को
ढेर सारी शुभकामनाएं !।
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