भीगा रे भीगा रे।।तेरा सूट गुलाबी।।।। आयी बरखा लेके बूंदे घटा की।।।। चुनरी से चेहरा तू तो छुपाती।।।। हुस्न की तेरी ये आदये लुभाती।। हाय तुझे देख के जान मेरी जाती।। मस्त हुआ मौसम बन के शराबी।।।। रुत आयी लेके तेरे रूप की झांकी।।
इश्क की ओ रानी।।।।। मैं तेरा इंतज़ार करता हु।। तेरे लिए घण्टो से खड़ा।।।मैं तेरी राहे तकता हु।।। आजा अब तो आजा।।दिन अब शाम में बदलता है।। मौसम भी ये गरज गरज कर बारिश को मचलता है।। तेरे लिए ये तेरा प्रेमी कितनी मुसीबत तकता है।।। फ़ोन भी तेरा नॉट reachable बार बार बकता है।। इतना भी तड़पाना मुझको क्या तुझको नही दुखता है।
वो मेरी दोस्त है एक बस।।नही कोई और लफड़ा है।। तू शक मत कर जरा मुझ पर।।तुझे इन नज़रो का धोखा है।।
बनाता है मुझे पागल।।तेरा हर गली में लफड़ा है।। मेरी आँखों का ये चश्मा।।।बराबर साफ होता है।।। तू पानी मे है कितना ये ।तू मुझको मत सीखा ज्यादा।। मुहोब्बत की कसम झूठी।।तू खा मत और यू ज्यादा।।