शोर मचाया है
शोर मचाया है .................
चल चल चल बेटा आगे बढ़ बढ़
मेरा बाप बोले बेटा तुझसे ही होगा
साला पडोसी बोले सब कर लेगे
बस तुझे ही ना होगा
जब पढ़ना था मुझे ,तब बैठे थे मेरी जुबान पे
अब बढ गया साला ,तो बैठे है मेरी शान पे
शान पाने को , दिन रात रोया मै अकेले मे
टांग खींचने को ,बैठे थे सारे सपेले से
रात रात जब ,भूखा सोया करता था
बाप का दिल भी , खूब रोया करता था
बाप के आंसू देख मै भी ,महंगे सपने पिरोया करता था
महंगे सुपने पिरोया करता था
महंगे सुपने पिरोया करता था
ईश्क विश्क के चक्कर को ,हम नही जानते
बाबू ने खाना खाया के ढकोशले ना पालते
पीछे खींचने वालो को ,पीछे विछे छोड़ के
आने वाली मुसीबतों से ,मन मिचोल के
आगे बढ़ बढ ,पड़ोसियो के कान खोल के
शोर मचाया है
शोर मचाया है........................
किनारा ना होता तो ,दरिया किस बात का
पड़ोसी ना होता तो ,साला ये शान किस काम का
बच्चों मे famous है , अपना टाइम आएगा
उसको पकड़ के लाओ ,उसका टाइम तो अपुन ही लाएगा
अब पूछो क्या किया
तो अपुन बोले पैसा कमाया है
शोर मचाया है .......
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