अब चुप भी हो जाओ...
जितनी बार तूने सब कुछ भूल कर फिर से उसके साथ शुरू करने की कोशिश की...
उतनी बार तुझे पहले से और भी ज्यादा दर्द दे दिया जाता है...
लेकिन इस बार मै तेरी एक बात नही सुनूँगी...
उसे अकेले जीना है....
उसे तू जी लेने दे...
चल तू मेरे साथ बहुत दूर...
हम अपना एक संसार बनाएंगे...
जिसमे मै और सिर्फ़ तू होगा...
न किसी से उम्मीद होगी...
न किसी से लगाव...
बस एक दूसरे का साथ होगा...
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