ख़ुद के लिए जीना ही पड़ा आज…..भूल गया था ख़ुद को…दूसरो के लिये जीते जीते…. -
ख़ुद के लिए जीना ही पड़ा आज…..भूल गया था ख़ुद को…दूसरो के लिये जीते जीते….
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जीना तो बहुत चाहते थे…पर ….कुछ रिश्तों ने ज़िंदगी से स्मझौता कर लिया…. -
जीना तो बहुत चाहते थे…पर ….कुछ रिश्तों ने ज़िंदगी से स्मझौता कर लिया….
क्या तू भी सबकी तरह हो गया है…क्या तू भी ख़ुदगर्ज़ हो गया है…चुप क्यों है…क्या तू भी बेवजहा किसी और का हो गया है… -
क्या तू भी सबकी तरह हो गया है…क्या तू भी ख़ुदगर्ज़ हो गया है…चुप क्यों है…क्या तू भी बेवजहा किसी और का हो गया है…
कहते है गुजरे जमाने पुराने हो गए…यहाँ तो जो नये है…वो ही बेगाने हो गये… -
कहते है गुजरे जमाने पुराने हो गए…यहाँ तो जो नये है…वो ही बेगाने हो गये…
वही है..जो सालो पहले थी…अहसास वही है…जब पहली बार मिले थे… -
वही है..जो सालो पहले थी…अहसास वही है…जब पहली बार मिले थे…
जो किरदार है …क्या रोल निभा रहे है…मुझे मालूम है…जो पास है…वो कहाँ दुरिया मिटा रहे है…मुझे मालूम है…अफ़सूस सिर्फ़ यही है… -
जो किरदार है …क्या रोल निभा रहे है…मुझे मालूम है…जो पास है…वो कहाँ दुरिया मिटा रहे है…मुझे मालूम है…अफ़सूस सिर्फ़ यही है…
पूछते है हर बार.. क्या हुआ…मैं फिर कह दूगी..कुछ नहीं..ये ही वह जुबा है..जो हर बार समझ जाते है वो… -
पूछते है हर बार.. क्या हुआ…मैं फिर कह दूगी..कुछ नहीं..ये ही वह जुबा है..जो हर बार समझ जाते है वो…
ना जाने रात कब आकर चली जाती है…तेरा अहसास याद बनकर …यू चलता है रात भर…जैसे रात हुई ही ना हो अभी… -
ना जाने रात कब आकर चली जाती है…तेरा अहसास याद बनकर …यू चलता है रात भर…जैसे रात हुई ही ना हो अभी…
ख़ुद को उसकी नज़र से देखना…एक एहसास है…एक रंग है..सिर्फ़ मोहब्बत है…एक जज़्बात है…ख़ुद को उसकी नज़र से देखना..प्यार का नाम है .. -
ख़ुद को उसकी नज़र से देखना…एक एहसास है…एक रंग है..सिर्फ़ मोहब्बत है…एक जज़्बात है…ख़ुद को उसकी नज़र से देखना..प्यार का नाम है ..
कभी लगता नहीं मेरी कमी किसी को खलती होगी..कोई ना कोई साथ मिल ही जाता है…यू ही ग़लतफ़हमी की आदत नहीं मुझे… -
कभी लगता नहीं मेरी कमी किसी को खलती होगी..कोई ना कोई साथ मिल ही जाता है…यू ही ग़लतफ़हमी की आदत नहीं मुझे…