जल्द सब ठीक होगा, बाहर जन सैलाब होगा ।
कुछ दिन की पाबंदियाँ हैं प्यारे, कोविड की chain में breakage होगा।।
फिर खिलखिला उठेंगी मासूम किलकारियाँ गलियों में, फिर सड़कों पर गाड़ीयों का रैला होगा।
उम्मीद है बस और उसी का
सहारा लेलो ,ये दिन भी गुज़र जाएँगे
हँसी के दिन बिताये थे जैसे, ये गम के बादल भी छंट जाएँगे।।
इस महामारी की काली रात का एक सवेरा जल्द आएगा।
खुशियों के सूर्योदय का दर्शन करवाएगा।।
जल्द सब ठीक होगा, बाहर जन सैलाब होगा।
कुछ दिन की पाबंदियाँ हैं प्यारे, कोविड की chain में breakage होगा।।
टीका है एक बचाव, जो अब सबको लगवाना है।
जो जाना पड़े बाहर तुमको, तो mask ज़रूर लगाना है।।
धोना हाथों को साबुन से तुम, sanitizer भी लगाना है।
नाजुक है समय की डोर अभी, इसको नही झुलाना है।।
जल्द सब ठीक होगा, बाहर जन सैलाब होगा।
कुछ दिन की पाबंदियां हैं प्यारे,कोविड की chain में breakage होगा।।
घर पे रहो ,मस्त रहो, प्राणायाम में व्यस्त रहना है।
जीवन की नई जोत को विश्वास से अब जलाना है।।
क्यों मरते हो पल पल डरकर, डरके जीना भी कोई जीना है ?
बीमारी है एक विचित्र, इलाज भी तो है जटिल, इसको अब हराना है।।
जल्द सब ठीक होगा, बाहर जन सैलाब होगा।
कुछ दिन की पाबंदियां हैं प्यारे, कोविड की chain में breakage होगा।।
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