के मीनू तोष   (के मीनू तोष)
41 Followers · 5 Following

An effort of expressing feelings, emotions and sentiments through words...
Joined 2 December 2017


An effort of expressing feelings, emotions and sentiments through words...
Joined 2 December 2017
11 MAY 2020 AT 15:13

फ़िज़ाओं में सदियों तलक

उस जननी का
जो गंवा देती है अपने लाल को
मातृभूमि की रक्षा करते हुए

उस पत्नि का
जिसका उजड़ जाता है
सिंदूर माँग का
पति की शहादत से

उस संतान का
जो हो जाती है अनाथ
अपने पिता के चले जाने से

सरकारें सिर्फ दे सकती हैं
मुआवज़ा उन्हें
उनके अपनों की
जान के बदले

अधिकारी दे सकता है
केवल एक तमगा
उसकी वीरता को
बखानते हुए

©के मीनू तोष (११ मई २०२०)

-


11 APR 2020 AT 20:59

...............

-


29 MAR 2020 AT 18:23

मुझे आस थी
मृत्यु के उपरांत भी
जीवित रहूँगी मैं

तुम्हारे हृदय में
तुम्हारी भावनाओं में
तुम्हारे अंतस में

तुम्हारे प्रेम में
तुम्हारे समर्पण में
तुम्हारी निष्ठा में

मगर मैं गलत थी
भ्रम था मुझे कि
स्नेह करते हो तुम मुझे

और मर गई मैं
मृत्यु से पहले ही
ये सत्य कटु जानकर

©के मीनू तोष (२९ मार्च २०२०)

-


21 MAR 2020 AT 16:42

ईश्वर का आलिंगन है कविता
भावों का अभिनंदन है कविता
अंतरात्मा का मार्जन है कविता
शब्दों का प्रकटीकरण है कविता
रसानुभुति का आनंद है कविता
कवि का प्राण है कविता
लेखनी का सम्मान है कविता

©के मीनू तोष (२१ मार्च २०२०)

-


12 MAR 2020 AT 14:46

जब नाम अपने वतन का

जाने क्यूँ जमाना जल उठा

-


5 MAR 2020 AT 16:21

तुम मुहूर्त पर मुहुर्त निकाल रहें हो
जैसे महान कोई पर्व मना रहें हो
विकल्प तलाश रहें बचाने के उनको
क्या दोषियों संग बेटी ब्याह रहें हो

©के मीनू तोष (५ मार्च २०२०)

-


2 MAR 2020 AT 16:24

बगिया महकेगी
ये सोच के इतरा रहे थे हम बहुत

आग गुलशन में माली ने खुद लगाई
देख यही पछता रहें हैं हम बहुत

-


29 FEB 2020 AT 14:38

फ़िर क्यूँ जलाई गई

तुम्हारे किस मंसूबे खातिर
मुझे आग लगाई गई

पूछती हूँ सबसे यही एक सवाल
किस बात पर किया ये बवाल

कोई और नहीं मैं दिल्ली हूँ

©के मीनू तोष (२९ फरवरी २०२०)

-


28 FEB 2020 AT 13:25

क़लम किसी की गुलाम नहीं होती
जो गुलाम होती है वो क़लम नहीं होती
©के मीनू तोष (२८ फ़रवरी २०२०)

-


26 FEB 2020 AT 16:56

दूसरों को मौत बाँटने वाले अपनी मौत का फरमान सुनते ही बिलों में जा छुपे हैं ।

कसम से बड़े कायर निकले ॥

©के मीनू तोष (२६ फरवरी २०२०)

-


Fetching के मीनू तोष Quotes