मेरे शहर से तेरी शहर की दूरी तो है ना मिल पाने की थोड़ी मजबूरी तो है चलो दिल में तुम्हे फिर भी संभाल के रखते है हसरते मिलने की हो तो तुम्हे ख्वाब में बुलाते है।। इस तरह तुमसे दिल का एक रिश्ता हम निभाते है क्युकी कुछ एहसास बस दिल से ही जुड़ जाते है कुछ रिश्तों के नाम हम कहा ढुंढ पाते है।। कुछ रिश्तों के नाम हम कहा ढूंढ पाते हैं।।