Kavi JPG   (Kavi JPG)
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Published Book" Kavi Ke Jazbaat"
Poetry Writer
Joined 4 August 2017


Published Book" Kavi Ke Jazbaat"
Poetry Writer
Joined 4 August 2017
26 APR AT 21:16

कुछ फासले यु भी हो गए
वो हमें समझ न सके , हम उन्हें समझा ना पाए

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28 MAR AT 10:32

कुछ तो है दरमियान तेरे और मेरे
वरना यु बेवजह मुझे हिचकिया नहीं आती

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23 MAR AT 11:08

उठते ही जिसकी तस्वीर का दीदार करते है
खुश रहे वो मिन्नतें उसके लिए बार बार करते है
उसके बिना रहना मुश्किल ही नहीं न मुमकिन है
हम खुद से ज्यादा उसकी फिक्र और बेइंतहा प्यार करते है
@ एक पगली लड़की

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29 FEB AT 11:30

जाने कैसा दौर चल रहा है रिश्तो का
पुराने सुलझ नहीं रहे और नए उलझते जा रहे !

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26 JAN AT 7:20

आस में अपने बेटे की वो माँ खोयी होगी
करवट बदल बदल के जाने कैसे सोयी होगी
हम सब मशगूल है अपने अपने लोगो में
सोचो वो बूढ़ी माँ बेटे के लिए कितनी रोयी होगी
#HappyReupblicDay

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25 JAN AT 14:42

तलब इस कदर है तेरी
न रह सकते है न कह सकते है

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25 JAN AT 10:10

नशा सूरत का होता तो कब का उतर जाता
तलब तो तुम्हारी मासूम सादगी की है।।।।।।।।।

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17 JAN AT 13:31

तुम आदत हो मेरी
मोहब्बत होती तो भूल जाता

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14 JAN AT 8:27

विश्वास की डोर से रिश्तों को जोड़े रखना
जीवन की पतंग कभी कटेगी नहीं !!!!
#HappyMakarsankraanti

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7 JAN AT 9:25

अक्सर आदमी को अपने लिए खरीद दारी में मौल भाव करते देखा गया है
लेकिन वो उसकी स्त्री के लिए बिना सोचे ,

बिना मौल भाव और बिना विलम्ब के चीजे खरीद लेता है

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