मेहंदी लगी थी हाथो में सज धजकर हुई थी वो तैयार बहुत खूबसूरत लग रही थी जब मैने देखी थी पिछली बार किसी ओर के लिए वो एहसास नहीं आता जो आता था उसके साथ भूलने वाली बाते बहुत है पर कभी बुलाया नहीं जा सकता पहला प्यार
वो बहुत बड़ी हकीकत है जिसमे ना कोई सवाल है जिसकी तीसरी आंख खुलने के बाद मचता भूचाल है थोड़े अजीब है शमशान की राख जिनका श्रृंगार है वो देवो के देव कालो के काल श्री महाकाल है
साथ देख कर मेरे दोस्तो का सब हक्के बक्के है दूर है थोड़े लेकिन दोस्ती के पक्के है मेरी चाल में हुक्म के इक्के है बस यार कहना काफी नहीं वो मेरे सोने के सिक्के है
में रोया नहीं उसके लिए दिल में बस सिसकियां थी वजह क्या थी मालूम नहीं क्यों वो मुझसे खफा थी मेरे साथ के अलावा हाथ भी किसी ओर के हाथ में था माना प्यार थी वो मेरा पर वो बेवफा थी
सोच सोच का फर्क है जो बनाती सबको अलग है , मेरी बहन जैसी सब लड़कियां है ना कोई अलग है । सब लडकियो पर मेरी नजर मेरी बहन जैसी बिल्कुल ना अलग है ,, शरीर के आकार पर टिप्पणियां ना करना बनाता मुझे अलग है ।।
शौक मुझे थोड़ा सबसे अलग चलने का है , चाहे जैसा हो समय उसके जैसे ढलने का है । जब हो गम उसमे खुशी का मौका बनाता हूं ,, मुझे औरो की तरह रो रो कर नहीं मरने का है ।।