चाहें तो उछाल कर देख लो, या कस के पकड़ करये सूखीं रेत की फ़ितरत है, उसे ठहरना नही आताकमलजीत सिंह -
चाहें तो उछाल कर देख लो, या कस के पकड़ करये सूखीं रेत की फ़ितरत है, उसे ठहरना नही आताकमलजीत सिंह
-
तम्मनाओं को दरकिनार कर जिमदारियो को गले लगाने वाले अक्सर कमाल कर जाते हैं....कमलजीत सिंह -
तम्मनाओं को दरकिनार कर जिमदारियो को गले लगाने वाले अक्सर कमाल कर जाते हैं....कमलजीत सिंह
यूँ तो मायूसिया लाज़मी है गर वक़्त साथ न दे,पर तू सब्र रख, शायद खुदा ने तेरे मुक़दरों में आसमां लिख डाला होकमलजीत सिंह -
यूँ तो मायूसिया लाज़मी है गर वक़्त साथ न दे,पर तू सब्र रख, शायद खुदा ने तेरे मुक़दरों में आसमां लिख डाला होकमलजीत सिंह
वो जो छुपा उसमे बच्चा सा है,वो आज भी आता है, खेलता है औरफिर चला जाता हैकमलजीत सिंह -
वो जो छुपा उसमे बच्चा सा है,वो आज भी आता है, खेलता है औरफिर चला जाता हैकमलजीत सिंह
To my favorite person !I miss you a lot,it's been a lot of time since we met and I just hope you are doing well.Just stay safe and take proper care of yourself because you belong to me ❤️~Sat~ -
To my favorite person !I miss you a lot,it's been a lot of time since we met and I just hope you are doing well.Just stay safe and take proper care of yourself because you belong to me ❤️~Sat~
चंद बत्तमीजिंयो ने ही तो महफ़ूज़रखा है साहब हमने देखा है यहा तहजीबों कोसरेआम कुचले हुएकमलजीत सिंह -
चंद बत्तमीजिंयो ने ही तो महफ़ूज़रखा है साहब हमने देखा है यहा तहजीबों कोसरेआम कुचले हुएकमलजीत सिंह
कोशिश करो के तुम जज़्बे को थोड़ानजाकत से सहलाते रहोकमबख्त ये उम्मीदें बड़ी नर्म दिल होतीहैं, जल्दी हार मान जाती हैंकमलजीत सिंह -
कोशिश करो के तुम जज़्बे को थोड़ानजाकत से सहलाते रहोकमबख्त ये उम्मीदें बड़ी नर्म दिल होतीहैं, जल्दी हार मान जाती हैंकमलजीत सिंह
कहा जाये तो अपनों की भीड़ हैसमझा जाये तो सभी अजनबी हैकमलजीत सिंह -
कहा जाये तो अपनों की भीड़ हैसमझा जाये तो सभी अजनबी हैकमलजीत सिंह
महंगी चीजों के बगैर मानतेभी तो नहीं हैकमबख्त बड़े सस्ते हो गये हैरिश्ते आजकलकमलजीत सिंह -
महंगी चीजों के बगैर मानतेभी तो नहीं हैकमबख्त बड़े सस्ते हो गये हैरिश्ते आजकलकमलजीत सिंह
ये बावली मोहब्बत,शायद बचपने से बाज़नही आयेगी...वो समझदारों वाला इश्क़ तुम जन्नत में हीक्यूँ नहीं ढूँढ लेते...कमलजीत सिंह -
ये बावली मोहब्बत,शायद बचपने से बाज़नही आयेगी...वो समझदारों वाला इश्क़ तुम जन्नत में हीक्यूँ नहीं ढूँढ लेते...कमलजीत सिंह