मेरे समक्ष धुंधली सी एक आकृति है सच में तुम इतने सुंदर हो या केवल अतिश्योक्ति है क्यों दिखोगे तुम उन्हे जिन्हे लगता की बस मूर्ति है? ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकारना ही भक्ति है
बेटी पैदा करना सब जानते हैं परंतु पालना नहीं बेटी को दंड देना सब जानते हैं परंतु समझाना नहीं बेटी को सिखाना बहुत आता है परंतु पढ़ाना नहीं सही कहा है किसी ने,, बेटियों के लिये सच में अच्छा ज़माना नहीं
सोचता हूं के थोड़ा सा जहर चुरा लूं कुछ तेरी याद है उन्हे चुपके से खिला दूं एक तो तुझसे छुटकारा मिल जाएगा दुसरे हम कातिल भी नहीं कहलायेंगे मर कर के भी तू कहा दूर जाने वाली है दफन तो मेरे अंदर ही होने वाली है