इस बार जब आओ तो साथ कुछ यादें ले आना, पुराने शहर की ख़ुशबू और कुछ पुरानी बातें ले आना। मुद्दत हो गया है उन गलियों से मिले - इस बार जब आओ तो साथ पुरानी मुलाक़ातें ले आना॥
माना के नए शहर में सुकून काफ़ी है, रोज़ कुछ बेहतर करने का जुनून काफ़ी है। पर वो बात कहाँ जो उस शहर में थी - इस बार जब आओ तो साथ पुरानी रातें ले आना। इस बार जब आओ तो साथ कुछ यादें ले आना॥
कुछ उलझनो की बरिशे, कुछ मुद्दतों की आस है। यह वक्त है रुका हुआ सा, जो जा चुका है - ख़ास है ॥ ना रोकने का मन किया, ना मन किया इंतज़ार का, जो जा चुका, वो अब जा चुका - अब यादें है जो पास है। कुछ उलझनो की बरिशे, कुछ मुद्दतों की आस है ॥
ख़्वाबों के लिफ़ाफ़े पर एक पता गुमशुदा सा है। मंज़िल से इत्तिफ़ाक़ रखते है - पर रास्ता लापता सा है। उसकी मज़ार पर मन्नत के धागे है बांधे - और वो पत्थर भी मेरा ख़ुदा सा है।
कल की किसे ख़बर, के मंज़िल किधर, कहाँ रास्ता! बक्से में बन्द पड़े है सवाल कई बस जायज़ लगे तुझसे वास्ता. सुना है के ख़ुशियाै में लोग बहुतेरे मिलते है- ग़म की अकेली होती है राहें। तु चल जहाँ तेरी हसरत हो - हम वही गुज़र कर लेंगे, जहाँ तु चाहे।
पतों पर पड़ी ओस की बूँदों सी कुछ बातें एक हल्की हवा के छुने से फिसल कर गिर पड़ी । एक फ़ैसले भर का फ़ासला था कुछ दिनों से - आज मुकम्मल क्या हुआ के ख़ुशियाँ सिर चढ़ी ।
Kuch kadam k doori par Tera hona, sakoon hai. Tere kandhe par Kuch pal sona, sakoon hai. Thakawat si hone Lagi hai ab zindagi se Subah hote hi tujhse milne ka ehsas sakoon hai.
Glitters in your eyes & that mischievous smiles. I was tiered long back but - With you, I have walked miles. My Struggles where so real & I still Have done many reconciles...