अश्कों में तेरी याद थी,
आंखो में बिन बादल बरसात थी,
कल मेरी सांसों की सिशिकियो को तेरी पुकार थी,
यारा तुझमें कुछ बात थी।
उन पलो को हम चाहे जितना ही याद कर लें,
दुआ के पिटारे को खुदा के नाम कर दे,
फार्ज वो खुशियां बाटने का निभा गया अपना,
रुला गया वो दी हुई यादों से अपनी,
यारा तुझमें कुछ बात थी।
वो जमाना थम गया जिसको एक पल फुरसत ना थी,
हाथ छोड़ हम सबका चला गया वो जिसकी मुस्कान की हम सबको आदत थी,
दुबारा नहीं दिखेगा वो चहरा अब हमारा बीच,
नहीं खिलेगा वो फूल अब हमारे बीच,
मगर याद बाना कर दिलों में जिंदा रखेंगे उसको,
प्यार था और रहेगा तू हम सबका जिंदगी तेरे वियर्थ ना थी,
क्युकी यार तुझमें कुछ तो बात थी,
तुझमें कुछ तो बात थी
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