ए -जिंदगी मुझे आजमा,
हर कदम हर डगर पर
इंतेहान ले।
कहीं गिराकर कही उठाकर
कुछ ना कुछ सिखाती जा
आज से बेहतर,कल कुछ ना कुछ
ऐसा जो भूल जाने योग्य ना हो
अनुभवी सार लिए
जिंदा दिली के साथ
निराशा हताशा को किए खाक
ए -जिंदगी मुझे आजमा,
हर कदम हर डगर पर
इंतेहान ले।
जैसे घने भयंकर वनों,
रेगिस्तानी आंधी से
बिना संघर्ष निकल ना पाया कोई
जहां बिना संघर्ष पूर्णता अंत हो
वहां केवल संघर्षशील ताप हो
फिर कहीं कामयाबी से मिलाप हो
ए -जिंदगी मुझे आजमा,
हर कदम हर डगर पर
इंतेहान ले।
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