Jaya Verma   (mysterious"Dikshu"..✍√🧐)
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⌛⌛ 😎Ɩ ԼƖƘЄ ƬƠ ƁЄ ƛ MƳƧƬЄƦƳ ƁЄƇƛƲƧЄ Ɩ'M ƬƠƠ ƁƲƧƳ MƛƘƖƝƓ ӇƖƧƬƠƦƳ 😎⌛⌛
Joined 25 April 2021


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Joined 25 April 2021
1 JUN 2022 AT 10:45

सुबह के 9-10 बज रहे हो
कोई धीमे से कान में आकर कहे

अरे सुनो...!

चाय समोसे खाने चले
🤭😆☕☕😆🤭

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31 MAY 2022 AT 20:51

कहां जाऊं मैं...!

किसकी बात मान लूं
किसका हाथ थाम लूं

दोस्तों का मान रख
प्यार को भूल जाऊं

या

प्यार को अपनाकर
दोस्तों का गुमान तोड़ दूं

है दोनों तरफ मेरे ही अपने

अब तू ही बता खुदा
मै कितना त्याग करू

अब तू ही बता खुदा
मै किसकी बात मान लूं

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31 MAY 2022 AT 16:50

अजी सुनिए....

चेहरे पर थप्पड़ खाने से दर्द नहीं होता
दर्द तोह सेल्फ रिस्पेक्ट खो देने से होता हैं

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31 MAY 2022 AT 9:58

कितनी अजीब बात हैं न....!

जिन्हे हम अपनाते हैं
वोह एक दिन हमें छोड़कर चले जाते हैं

जिन्हें हम छोड़ आते हैं
वोह हमारे इंतजार में
ताह-उम्र किसी के नहीं हो पाते

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31 MAY 2022 AT 0:34

बिस्तर की सिलवटें बता रही हैं
रात करवट बदलते किसी गहरी सोच में गुजरी हैं...

सुबह होने की इंतजार में
ये आंखे खुद से बहुत लड़ी हैं...!

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30 MAY 2022 AT 22:29

कलम की स्याही जब लेखक की तकलीफ़ समझ कर कलम के साथ रोती है...
हाय ये उफ्फ किए बिना कितना लिखती हैं...!

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30 MAY 2022 AT 10:55

रोज एक नए हादसे में
मेरी कलम रो पड़ती हैं
घायल कुछ इस तरह होती हैं
जैसे सही-गलत से लड़ रही होती हैं

ज़ख्म पर मलहम लगाकर
मेरी कलम कुछ बोल पड़ती है
आहिस्ता-आहिस्ता शब्दों को चुन कर
घाव सारे भर रही होती हैं

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30 MAY 2022 AT 0:30

यूं तो कोई भी हाथ थाम लेता हैं

कोई कभी ना छोड़ने के इरादे से पकड़े तो
हम साथ उनके चलना चाहेंगे...

अपनी ज़िन्दगी का खूबसूरत पल
उनके साथ बिताएंगे....

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29 MAY 2022 AT 22:08

दूरियां अगर किलोमीटर में हो तो
शब्दों से नजदीकियां बढ़ाइए जनाब

वरना ये किलोमीटर की दूरियां
रिश्तों में खटास डाल देती हैं

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29 MAY 2022 AT 0:17

मुंह फट हूं ,
बनावटी नहीं
मन में जो हो बोल देती हूं
बोलने के लिए कोई साजिश नहीं
दिलेर बंदी हूं
बाते बनाना नहीं आता
सब सीधे सीधे बोल देती हूं
मुंह फट हूं
मगर छलावे के साथ जीना नहीं आता
जीने का सीधा अंदाज़ रखती हूं
जो हो बात जैसी भी सब बोल देती हूं
हा मुंह फट हूं
हो जो भी मन में
सारे राज खोल देती हूं

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