Jatin Shaw   (जतिन साव)
118 Followers · 56 Following

read more
Joined 2 May 2018


read more
Joined 2 May 2018
29 DEC 2023 AT 23:51

कुछ लापता सी हो गई है ज़िन्दगी।
कुछ हमने भी याद रखना छोड़ दिया हैं।।
कुछ भीड़ में भी खाली सी लगती हैं।
कुछ जज़्बातों को हमने भी जताना छोड़ दिया हैं।।
कुछ करीब होकर भी दूर लगती हैं।
कुछ को हमने दिल से लगाना छोड़ दिया हैं।।
कुछ बातें बिन कहे जताई जाती हैं।
कुछ बातों को हमने बताना छोड़ दिया हैं।।
कुछ लापता सी हो गई है ज़िन्दगी।
कुछ हमने भी याद रखना छोड़ दिया हैं।।

-


9 SEP 2022 AT 1:05

मैं बैठा अपने अकेलेपन के साथ,
नम आंखों में कई सवाल लिए ।।
दिल बताना चाहता हैं,
कलम भी लिखने को बेताब है ।।
हर धड़कन कहती है असहनीय दर्द,
हर एक शब्द आँसुओं का हाल बताता हैं ।।
हर सांस मैं भरी सिसकियां, अंधेरे को भी रुलाता है,
हर एक पंक्ति जीवन के बर्बरता को दर्शाता है ।।
फिर इन्हे तकिए में दबाना पड़ता है ।।
कलम से लिखे हर एक दर्द को,
अपने ही आंसुओं से मिटाना पड़ता है ।।

-


25 AUG 2022 AT 23:32

ये जो दुनिया भर को,
मेरी गलतियां गिना रही हो ।।
जानम, सच में खफा हो,
या बस अपनी बेवफाई छुपा रही हो ।।

-


31 JUL 2022 AT 13:58

उनकी यादों के साथ बैठे थे छत पर,
उनकी जुल्फों की तरह धूप को छांव कर गया बादल ।
सूरज की किरणें जो पड़ी उन पर
आपके गालों की तरह गुलाबी हो गया बादल ।
बदलो को देख उनका नाम जो लाया हमने अपनी जुबां पर,
शर्मा कर हवाओं के साथ आगे निकल गया बादल ।
उनकी यादों का नशा कुछ इस तरह चढ़ा हम पर,
के पता न चला कब शाम को रात में बदल गया बादल ।
और जब उनके पास होने की चाहत जताई हमने,
बारिश बन कर हम पर बरस गया बादल ।।

-


3 JUL 2022 AT 7:28

मैं और तुम,
एक शाम,
ऐसी जगह मिले ।
जहां लोगों की भीड़ ना,
एक खामोशी भरी सुकून मिले ।
जहां हम बात ना कर,
एक दूसरे की मौजूदगी को समझे ।
चांद, सितारे और
नीचे गंगा को देखें ।
एक दूजे का हाथ थाम,
कुछ देर यूंही एक साथ बैठे ।।

एक शाम में और तुम जो कुछ यूं मिले ।।

-


24 MAR 2022 AT 9:43

समंदर, पहाड़ों और रास्तों में भटकने वाले,
हम तो पल भर के आशिक हैं ।।
कोई तो थाम ले हाथ हमारा,
जो जिंदगी भर इन गलियों में भटकने को राज़ी हैं।।

-


7 FEB 2022 AT 9:35


तुम्हारी आंखों में डूबना अच्छा लगता है
तुम्हें यूं ही देखते रहना अच्छा लगता है ।
और तुमने ये जो काजल लगा रखा है ।
इसके आगे तो चांद भी शर्माने लगा है।

-


6 JAN 2022 AT 0:06

मेरे जज़्बात छिपे एक पत्र में ।

खुद को शब्दों में,
तुझे वाक्यों में समेट,
अपनी भावनाओं को लिखा था जिसमें ।।
लंबे समय तक दफन,
बीच कहीं,
पुरानी किताबों के बंद पन्नों में ।।
हर बार जेब से निकलती,
फसती कहीं,
इश्क-दोस्ती के उलझे तर्क में ।।
तर्क साथ होने,
और तुझे खोने का ।।
ये दिल में छिपी बात,
लिखे मेरे पत्र में
मुश्किल से सांस ले रहा,
तुम तक पहुंचने के लिए ।।

-


16 DEC 2021 AT 19:36

बहुत हुई इधर उधर की बातें ।
चलो अब कुछ अच्छी बातें करते हैं ।।
बहुत हुआ जिंदगी का रोना धोना ।
चलो अब तुम्हारी बातें करते हैं ।।

-


12 DEC 2021 AT 9:07

कुछ मुलाकात यू ही कर लिया करो ।
बिन पूछे,
बेवजह दो बात कर लिया करो ।।
ठीक है माना तुम व्यस्त हो ।
थोड़ा फुर्सत निकाल,
हमे भी याद कर लिया करो ।।
मंज़िल के भागम भाग में अब समय कहां ।
किसी दिन बिना समय देखे,
अपने हमसफ़र को भी याद कर लिया करो ।।
कुछ लम्हे,
हमारे साथ भी बांट लिया करो ।।
बेवजह ही सही,
कभी हमे भी याद कर लिया करो ।।

-


Fetching Jatin Shaw Quotes