मैंने तो तुमसे कहीं नहीं प्यार वाली बातें
मुझे तो तुमसे करनी थी चंद मुलाकाते
मुझे तुमसे थोड़ी सी नाराजगी है
तुम्हारी आखिरी मुलाकात हे गम है मगर मुलाकात की खुशी भी है
बहुत कुछ कहना है तुमसे कभी बैठो मेरे पास
रिश्ता एहसान ही सही मगर निभा जाते तुम
जो छोड़कर दूर जाना सही तो नहीं था
कितना कुछ अनकहा है मुझे तुमसे कहना था
मुझे तुमसे अलविदा भी कहना था
मुझे तुमसे यह भी कहना था कि मैं तुमसे प्यार करती हूं
मुझे तुमसे यह भी कहना था कि मैं तुम्हारे बिना अधूरी हूं
मुझे तुमसे यह भी कहना था कि मुझे तुम्हारी याद आएगी
मुझे तुमसे यह भी कहना था कि मुझे छोड़कर ना जाओ
मुझे तुमसे यह भी कहना था कि लौट के आ जाओ
मुझे तुमसे यह भी कहना था कि मैं तुम्हारी हूं तुम्हारी ही रहूंगी
मुझे तुमसे यह भी कहना था कि मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी
कितना कुछ अनकहा रह गया
कितना कुछ अनकहा रह गया
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