Jassi Kamu   (Jassikamu)
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Instagram - jassikamu....poetry
#jassikamu
.. Kuch likhne ki koshsih h...
Joined 18 July 2021


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.. Kuch likhne ki koshsih h...
Joined 18 July 2021
18 JAN 2022 AT 9:07

कहीं किसी मोड़ पर इत्तेफाकन तुम मुझे मिल जाओ हाय कुर्बान जाऊं उस इत्तेफाक पर मैं

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16 JAN 2022 AT 13:39

मैंने सुना है तुम्हारी तबीयत खराब है
क्या हुआ फिर से कोई बिछड़ा याद आ गया है।।

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4 JAN 2022 AT 7:15

अभी भी उसकी कैद में है मेरी रूह
जिसने मुझे आजाद कर दिया.....

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2 JAN 2022 AT 11:02

आसमान को नापने के लिए
परिंदे भी दर छोड़ते है
फिर क्यों ऐतराज़
गऱ हम घर छोड़ते हैं

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30 DEC 2021 AT 16:56

मैंने तो तुमसे कहीं नहीं प्यार वाली बातें
मुझे तो तुमसे करनी थी चंद मुलाकाते
मुझे तुमसे थोड़ी सी नाराजगी है
तुम्हारी आखिरी मुलाकात हे गम है मगर मुलाकात की खुशी भी है
बहुत कुछ कहना है तुमसे कभी बैठो मेरे पास
रिश्ता एहसान ही सही मगर निभा जाते तुम
जो छोड़कर दूर जाना सही तो नहीं था
कितना कुछ अनकहा है मुझे तुमसे कहना था
मुझे तुमसे अलविदा भी कहना था
मुझे तुमसे यह भी कहना था कि मैं तुमसे प्यार करती हूं
मुझे तुमसे यह भी कहना था कि मैं तुम्हारे बिना अधूरी हूं
मुझे तुमसे यह भी कहना था कि मुझे तुम्हारी याद आएगी
मुझे तुमसे यह भी कहना था कि मुझे छोड़कर ना जाओ
मुझे तुमसे यह भी कहना था कि लौट के आ जाओ
मुझे तुमसे यह भी कहना था कि मैं तुम्हारी हूं तुम्हारी ही रहूंगी
मुझे तुमसे यह भी कहना था कि मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी
कितना कुछ अनकहा रह गया
कितना कुछ अनकहा रह गया

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30 DEC 2021 AT 9:24

तू तारीख बदलने का जश्न मना रहा है
मुझे तेरे बदलने का गम खा रहा है....
कुछ लोग नए साल नई जिंदगी में जाएंगे
हम वही पुराना रिवाज निभाएंगे .....
तुम रखोगे खुशनुमा जिंदगी में कदम
हम तेरे हिज्र में रात बिताएंगे.......
हमें मुबारक हमारा हाल.....
तुम्हें मुबारक नया साल.....

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26 DEC 2021 AT 20:31

हमने तुमको कब कैद किया है
तुम तो खुद बंधे हुए हो
कभी हमसे मोहब्बत में
कभी हमसे नफरत में.........

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26 DEC 2021 AT 11:39

तू मेरे लफ्ज़ों में आकर बहुत बदनाम हो गया था
मैंने तुझे अपनीं गजलो में सजा कर बहुत मशहूर कर दिया है

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25 DEC 2021 AT 21:47

तुम भी वही हो हम भी वही हैं पर हम अब हम हम नहीं रहे तो हमारे बीच क्या है
कुछ ख्वाहिशों का सैलाब
कुछ वफाओं की लकीरें......
कुछ रिश्तो से दूरी तो कुछ मोहब्बतों की जंजीरे....
कभी दीदार की साजिश कभी मुस्कुराहट की ख्वाहिश..
मनगढ़ंत कहानियों से दिल बहलाते हैं हमारे बीच कुछ नहीं फिर भी रिश्ता निभाते हैं
तुम भी वही हो हम भी वही हैं पर अब हम हम नहीं रहे तो हमारे बीच क्या है....

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25 DEC 2021 AT 20:23

वह खफा भी होते हैं वह जुदा भी होते हैं
वह मरहम भी बनते हैं वह दवा भी होते हैं
बनते हैं आंख का आंसू कभी खुशी की वजह भी होते हैं
बनते हैं अंधेरा कभी-कभी शमा भी होते हैं
कौन इश्क में जोर करें .. साजिद
हम कभी तन्हा भी होते हैं तो कभी उनकी जान भी होते हैं

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