'शतहस्त समाहर सहस्त्रहस्त सं किर' अर्थात् 'सैंकड़ों हाथों से धन अर्जित करो और हजारों हाथों से उसे दान करो' - अथर्ववेद -
'शतहस्त समाहर सहस्त्रहस्त सं किर' अर्थात् 'सैंकड़ों हाथों से धन अर्जित करो और हजारों हाथों से उसे दान करो' - अथर्ववेद
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धोखा भी बादाम की तरह हैजितना खाओगे उतनी अक्ल आएगी -
धोखा भी बादाम की तरह हैजितना खाओगे उतनी अक्ल आएगी
" समय होता है तब हम प्रमाद करते हैं और समय नहीं होता तब हम पश्चाताप करते हैं -
" समय होता है तब हम प्रमाद करते हैं और समय नहीं होता तब हम पश्चाताप करते हैं
" फिर से कोशिश करने से मत घबरानाक्योंकि इस बार शुरुआत शून्य से नहींअनुभव से होगी -
" फिर से कोशिश करने से मत घबरानाक्योंकि इस बार शुरुआत शून्य से नहींअनुभव से होगी
" रिश्ते और रास्ते तब खत्म हो जाते हैं जब पांव नहीं दिल थक जाते हैं -
" रिश्ते और रास्ते तब खत्म हो जाते हैं जब पांव नहीं दिल थक जाते हैं
" पूरी दुनिया जीत सकते है संस्कार से जीता हुआ भी हार जाते है अहंकार से -
" पूरी दुनिया जीत सकते है संस्कार से जीता हुआ भी हार जाते है अहंकार से
" अपनों का साथ बहुत आवश्यक हैंसुख हो तो बढ़ जाता हैं औरदु:ख हो तो बट जाता हैं -
" अपनों का साथ बहुत आवश्यक हैंसुख हो तो बढ़ जाता हैं औरदु:ख हो तो बट जाता हैं
" समस्या से भागना समस्या का प्रारम्भ है समस्या का सामना करना समस्या के अन्त का प्रारम्भ है -
" समस्या से भागना समस्या का प्रारम्भ है समस्या का सामना करना समस्या के अन्त का प्रारम्भ है
" उन पर ध्यान मत दीजिए जो आपकी पीठ पीछे बात करते हैं इसका सीधा सा अर्थ हैं कि आप उनसे दो कदम आगे हैं -
" उन पर ध्यान मत दीजिए जो आपकी पीठ पीछे बात करते हैं इसका सीधा सा अर्थ हैं कि आप उनसे दो कदम आगे हैं
" खुद की selfie निकालना सेक़ेन्डों का काम हैं लेकिन खुद की Image बनाने में.........? -
" खुद की selfie निकालना सेक़ेन्डों का काम हैं लेकिन खुद की Image बनाने में.........?