Jagdish Arya   (आर्या पहाड़ी 🙏)
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दिल का बस एक ही है अरमान
कमल की टहनी को कलम बना लुँ
Joined 5 December 2019


दिल का बस एक ही है अरमान
कमल की टहनी को कलम बना लुँ
Joined 5 December 2019
26 FEB AT 20:10

बीत रही रातें उनकी याद में
रहा नहीं कुछ मेरे पास में
कभी इधर कभी उधर देखें हम
रातें बीत रही करवटे बदल बदल।

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30 DEC 2022 AT 19:54

पल पल बिता जा रहा हैं
रेत पर निशान मिट रहे हैं
गलतियों से भरा बिता साल
बैठा हूँ साल के आख़िरी किनारे पर।

जीत कर आ रहा हैं नया साल
पुराना दे रहा नए को आने की बधाई
कर रहे हैं स्वागत हंस कर या रो कर
बैठा हूँ साल के आख़िरी किनारे पर।

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29 DEC 2022 AT 14:00

घना अन्धेरा तुम्हारी जुल्फों को
की मीठी सी याद उस रात की।

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29 JUL 2022 AT 20:27

दिल की ख़्वाहिश नही होती पूरी
पल भर की सही न जाएं ज़ुल्मी दूरी
मेघों की घनघोर घटाओं का छाया जाल
विरह की पीड़ा ले रही इम्तिहान।

मन नही लगता अब काम काज़ पर
मुसाफ़िर बन बैठा हूँ जीवन की राह पर
कड़ी मेहनत का कोई जवाब नही मिलता
अब आराम रात को नही मिलता।

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23 JUL 2022 AT 20:41

हर राह पर अँधेरा हैं छाया
उजालों की कमी हुई जीवन में
साथ छुटा अपनों दोस्तों का
मालूम पड़ा ज़िन्दगी नाराज़ हैं।

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23 JUL 2022 AT 20:36

कैसा होगा स्कूल का पहला दिन
उगंली थाम बाबुल की जाऊं हर दिन
ख़ुशी का नही ठिकाना अभिभावकों का
बिटियाँ चली जीवन में कुछ सीखने को।

हर राह हर बाट दूँगा साथ तेरा मैं
सुबह बाह थाम छोड़ दूँ स्कूल तक
दिन दोपहर माँ लेने को आए तुझको
बिटियाँ चली जीवन में कुछ सीखने को।

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5 MAY 2022 AT 19:36

दिल की हँसी रूठी हैं
ज़िन्दगी भी झूठी हैं
रखी तमन्नाओं की चाहत
देखो अब हर शाम बूढ़ी हैं।

भाग दौड़ भरा जीवन यहाँ
सुस्ताने का मौका कहाँ
थक चुका हूँ जीवन के सफ़र में
देखो अब हर शाम बूढ़ी हैं।

ख़ुशियों का नही कोई ठिकाना
हर कोई चाहता हैं मुझे हराना
ख्वाहिशें दिल की पूरी नही होती
देखो अब हर शाम बूढ़ी हैं।

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12 MAR 2022 AT 20:00

आया हूँ दिल की बात कहने
पर कोई सुनने वाला नही
हुस्न की रानियाँ बहुत हैं
मोहब्बत का दिल नही किसी पे।

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11 MAR 2022 AT 9:34

कैसे बीती वो रात सनम तेरी याद में
करवटें बदलता रहा खुली आँख से
कभी निहारु तारों को तो कभी चाँद को
उस दर्द को क्या यह रात जानती हैं।

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10 MAR 2022 AT 19:37

खो बैठा हूँ शब्दों के जाल में
इम्तेहान ले रहा सनम प्यार में
ठोकरें लगी इस ज़माने में इस क़दर
कि सहारा ना मिल सका संसार में।

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