बीत रही रातें उनकी याद मेंरहा नहीं कुछ मेरे पास मेंकभी इधर कभी उधर देखें हमरातें बीत रही करवटे बदल बदल। -
बीत रही रातें उनकी याद मेंरहा नहीं कुछ मेरे पास मेंकभी इधर कभी उधर देखें हमरातें बीत रही करवटे बदल बदल।
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पल पल बिता जा रहा हैंरेत पर निशान मिट रहे हैंगलतियों से भरा बिता सालबैठा हूँ साल के आख़िरी किनारे पर।जीत कर आ रहा हैं नया सालपुराना दे रहा नए को आने की बधाईकर रहे हैं स्वागत हंस कर या रो करबैठा हूँ साल के आख़िरी किनारे पर। -
पल पल बिता जा रहा हैंरेत पर निशान मिट रहे हैंगलतियों से भरा बिता सालबैठा हूँ साल के आख़िरी किनारे पर।जीत कर आ रहा हैं नया सालपुराना दे रहा नए को आने की बधाईकर रहे हैं स्वागत हंस कर या रो करबैठा हूँ साल के आख़िरी किनारे पर।
घना अन्धेरा तुम्हारी जुल्फों कोकी मीठी सी याद उस रात की। -
घना अन्धेरा तुम्हारी जुल्फों कोकी मीठी सी याद उस रात की।
दिल की ख़्वाहिश नही होती पूरीपल भर की सही न जाएं ज़ुल्मी दूरीमेघों की घनघोर घटाओं का छाया जालविरह की पीड़ा ले रही इम्तिहान।मन नही लगता अब काम काज़ परमुसाफ़िर बन बैठा हूँ जीवन की राह परकड़ी मेहनत का कोई जवाब नही मिलताअब आराम रात को नही मिलता। -
दिल की ख़्वाहिश नही होती पूरीपल भर की सही न जाएं ज़ुल्मी दूरीमेघों की घनघोर घटाओं का छाया जालविरह की पीड़ा ले रही इम्तिहान।मन नही लगता अब काम काज़ परमुसाफ़िर बन बैठा हूँ जीवन की राह परकड़ी मेहनत का कोई जवाब नही मिलताअब आराम रात को नही मिलता।
हर राह पर अँधेरा हैं छायाउजालों की कमी हुई जीवन मेंसाथ छुटा अपनों दोस्तों कामालूम पड़ा ज़िन्दगी नाराज़ हैं। -
हर राह पर अँधेरा हैं छायाउजालों की कमी हुई जीवन मेंसाथ छुटा अपनों दोस्तों कामालूम पड़ा ज़िन्दगी नाराज़ हैं।
कैसा होगा स्कूल का पहला दिनउगंली थाम बाबुल की जाऊं हर दिनख़ुशी का नही ठिकाना अभिभावकों काबिटियाँ चली जीवन में कुछ सीखने को।हर राह हर बाट दूँगा साथ तेरा मैंसुबह बाह थाम छोड़ दूँ स्कूल तकदिन दोपहर माँ लेने को आए तुझकोबिटियाँ चली जीवन में कुछ सीखने को। -
कैसा होगा स्कूल का पहला दिनउगंली थाम बाबुल की जाऊं हर दिनख़ुशी का नही ठिकाना अभिभावकों काबिटियाँ चली जीवन में कुछ सीखने को।हर राह हर बाट दूँगा साथ तेरा मैंसुबह बाह थाम छोड़ दूँ स्कूल तकदिन दोपहर माँ लेने को आए तुझकोबिटियाँ चली जीवन में कुछ सीखने को।
दिल की हँसी रूठी हैंज़िन्दगी भी झूठी हैंरखी तमन्नाओं की चाहतदेखो अब हर शाम बूढ़ी हैं।भाग दौड़ भरा जीवन यहाँसुस्ताने का मौका कहाँथक चुका हूँ जीवन के सफ़र मेंदेखो अब हर शाम बूढ़ी हैं।ख़ुशियों का नही कोई ठिकानाहर कोई चाहता हैं मुझे हराना ख्वाहिशें दिल की पूरी नही होतीदेखो अब हर शाम बूढ़ी हैं। -
दिल की हँसी रूठी हैंज़िन्दगी भी झूठी हैंरखी तमन्नाओं की चाहतदेखो अब हर शाम बूढ़ी हैं।भाग दौड़ भरा जीवन यहाँसुस्ताने का मौका कहाँथक चुका हूँ जीवन के सफ़र मेंदेखो अब हर शाम बूढ़ी हैं।ख़ुशियों का नही कोई ठिकानाहर कोई चाहता हैं मुझे हराना ख्वाहिशें दिल की पूरी नही होतीदेखो अब हर शाम बूढ़ी हैं।
आया हूँ दिल की बात कहनेपर कोई सुनने वाला नहीहुस्न की रानियाँ बहुत हैंमोहब्बत का दिल नही किसी पे। -
आया हूँ दिल की बात कहनेपर कोई सुनने वाला नहीहुस्न की रानियाँ बहुत हैंमोहब्बत का दिल नही किसी पे।
कैसे बीती वो रात सनम तेरी याद मेंकरवटें बदलता रहा खुली आँख सेकभी निहारु तारों को तो कभी चाँद कोउस दर्द को क्या यह रात जानती हैं। -
कैसे बीती वो रात सनम तेरी याद मेंकरवटें बदलता रहा खुली आँख सेकभी निहारु तारों को तो कभी चाँद कोउस दर्द को क्या यह रात जानती हैं।
खो बैठा हूँ शब्दों के जाल मेंइम्तेहान ले रहा सनम प्यार मेंठोकरें लगी इस ज़माने में इस क़दरकि सहारा ना मिल सका संसार में। -
खो बैठा हूँ शब्दों के जाल मेंइम्तेहान ले रहा सनम प्यार मेंठोकरें लगी इस ज़माने में इस क़दरकि सहारा ना मिल सका संसार में।