अभी अभी तो मिला था तुमसे,,
अभी अभी तो हुई थी बात,,
अभी अभी तो बैठा था साथ,,
अभी अभी तो ली थी सांस..
फिर लगता हैं क्यूँ मिले ज़माना बीत गया,,
नजाने कबसे में तुम्हारा दिवाना हो गया..
तुमसे मिला हूँ में जबसे,,
कुछ बदला हूँ में तबसे,,
सोचता हूँ काश तुम होती यहाँ,,
या पकड़ के हाथ रोक लेती वहाँ..
क्यूँ तुम्हारे बिना ये जहाँ अनजाना हो गया,,
नजाने कबसे में तुम्हारा दीवाना हो गया..
जब करती हो बात हमसे,,
और बताती हो दिल की बातें,,
हमें हो जाता है इश्क़ तुमसे,,
उससे भी ज़्यादा जीतना हम जताते है,,
जबसे हुआ तुम्हें भी इश्क
ये दिल तुम्हारा दीवाना हो गया,,
नजाने कबसे में तुम्हारा दीवाना हो गया..
तुम आना जल्दी और बैठना मेरे साथ,,
कुछ करना बातें पकड़कर मेरा हाथ,,
तुमसे ढ़ेर सारी करनी हैं बात मेरे यार,,
और बातों ही बातों में करना हैं प्यार..
जाने क्यूँ तुम्हारा दीदार ही अब
हर कमी का पूरा होना हो गया,,
नजाने कबसे में तुम्हारा दिवाना हो गया...
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