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साध तू असाध्य कोमिटा असंभव की संभावना,देखने हैं गर सपने दोबारासमर्पण की उनके प्रति रख भावना,हैं चोचलें हजारतू देखेगा तो दिखेंगे,बन उनके लिए सूर तूफिर देख कैसे रास्ते मिलेंगे,चल चलता जाकभी तो कांटे भी थकेंगे,एक बार, दो बार, सौ बारआखिर और कितना ही चुभेंगे,सपना तेरा ईमान बनेगातो हिम्मत उनसे ही मिलती रहेगी,बस सोच लेने से, ना मंजिल मिली हैना कभी किसी को मिलेगी। -
साध तू असाध्य कोमिटा असंभव की संभावना,देखने हैं गर सपने दोबारासमर्पण की उनके प्रति रख भावना,हैं चोचलें हजारतू देखेगा तो दिखेंगे,बन उनके लिए सूर तूफिर देख कैसे रास्ते मिलेंगे,चल चलता जाकभी तो कांटे भी थकेंगे,एक बार, दो बार, सौ बारआखिर और कितना ही चुभेंगे,सपना तेरा ईमान बनेगातो हिम्मत उनसे ही मिलती रहेगी,बस सोच लेने से, ना मंजिल मिली हैना कभी किसी को मिलेगी।
कहो ऐ सनम तुम्हारी याद में कितने दिये रखेंएक दो होंगे काफी, या जला कर सौ दिये रखें,तुम ना हुए बेवफा, इस बात की करें शिकायतेंया तुमको न रोक पाने की कोशिश से शिकवे रखें,रात दिन नही, कभी कभी आने वाली तुम्हारी यादेंइन्हे बहने दें यूंही या ऐसे ही छिपाए रखेंये मौसम, ये बारिशें, ये हवाएं ले ही आती हैं तुम्हेंकहो किस हद तक और कैसे हम इन पर पर्दें रखेंमलाल ना ही किया, ना अब कभी करते मिलेंगे बस बादलों से कह दो, तुम्हारा हाल वाजेह रखें। -
कहो ऐ सनम तुम्हारी याद में कितने दिये रखेंएक दो होंगे काफी, या जला कर सौ दिये रखें,तुम ना हुए बेवफा, इस बात की करें शिकायतेंया तुमको न रोक पाने की कोशिश से शिकवे रखें,रात दिन नही, कभी कभी आने वाली तुम्हारी यादेंइन्हे बहने दें यूंही या ऐसे ही छिपाए रखेंये मौसम, ये बारिशें, ये हवाएं ले ही आती हैं तुम्हेंकहो किस हद तक और कैसे हम इन पर पर्दें रखेंमलाल ना ही किया, ना अब कभी करते मिलेंगे बस बादलों से कह दो, तुम्हारा हाल वाजेह रखें।
खैर,अब मैने आसमान देखकरतुम्हारा हाल जानना सीख लिया है तो मत आना तुम। -
खैर,अब मैने आसमान देखकरतुम्हारा हाल जानना सीख लिया है तो मत आना तुम।
I remember you! -
I remember you!
...यहाँ अंधेरा बहुत है, एक जुगनू पकड़ लानारोशनदान हर घर में है, पर तुम थोड़ी रोशनी उधार लाना...(अनुशीर्षक में) -
...यहाँ अंधेरा बहुत है, एक जुगनू पकड़ लानारोशनदान हर घर में है, पर तुम थोड़ी रोशनी उधार लाना...(अनुशीर्षक में)