बहुत देर लगी समझने में!!मेरा पिंजरा नही बल्कि,खुला आसमान हो तूम।मैं बेड़ियां मान बैठा,पर मेरे पंख हो तूम। -
बहुत देर लगी समझने में!!मेरा पिंजरा नही बल्कि,खुला आसमान हो तूम।मैं बेड़ियां मान बैठा,पर मेरे पंख हो तूम।
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सब नज़रिए की बात है!हमने उनसे दूरी को ही,आखिर मौत मान लिया। -
सब नज़रिए की बात है!हमने उनसे दूरी को ही,आखिर मौत मान लिया।
कल कहीं हार ही ना जाऊं,इसलिए आज खेलने से ही ड़र रहा हूं।जिंदगी कल रूठ ही ना जाए,इसलिए आज ही पल-पल मर रहा हूं। -
कल कहीं हार ही ना जाऊं,इसलिए आज खेलने से ही ड़र रहा हूं।जिंदगी कल रूठ ही ना जाए,इसलिए आज ही पल-पल मर रहा हूं।
चल पड़ा हूं आज मैं,ऊजाले को ही देख।मंजिल तुम तक होगी,ये आभास हमें नहीं। -
चल पड़ा हूं आज मैं,ऊजाले को ही देख।मंजिल तुम तक होगी,ये आभास हमें नहीं।
तेरा दूर होना,यूं मजबूर होना,सब चुभता है मुझे।तेरे मेरे दरमियां,हर पल कांँच होना,सब चुभता है मुझे। -
तेरा दूर होना,यूं मजबूर होना,सब चुभता है मुझे।तेरे मेरे दरमियां,हर पल कांँच होना,सब चुभता है मुझे।
पत्थरों पर चल कर,खुद पत्थर हो गया हूं।रोशनी ढूंढते-ढूंढते,अंधेरों में खो गया हूं। -
पत्थरों पर चल कर,खुद पत्थर हो गया हूं।रोशनी ढूंढते-ढूंढते,अंधेरों में खो गया हूं।
लाखों मुखोटे ओढ़ने पड़े,एक मुखोटा छिपाने को।लाखों दर्द भी सहने पड़े,दिल का दर्द छिपाने को। -
लाखों मुखोटे ओढ़ने पड़े,एक मुखोटा छिपाने को।लाखों दर्द भी सहने पड़े,दिल का दर्द छिपाने को।
किसी को बोझ ज्यादा नज़र आया,किसी को नन्ही जान में ही कम दम।हालातों को आखिर और कोई नहीं,सहने वाला ही था जो समझ पाया। -
किसी को बोझ ज्यादा नज़र आया,किसी को नन्ही जान में ही कम दम।हालातों को आखिर और कोई नहीं,सहने वाला ही था जो समझ पाया।
तेरी याद में जो बहे,ये आँसू भी मेरे नहीं।जिन आँखो से निकले हैं,आज उन्हे ही जला रहे हैं। -
तेरी याद में जो बहे,ये आँसू भी मेरे नहीं।जिन आँखो से निकले हैं,आज उन्हे ही जला रहे हैं।
जरूरी बात ये है कि, मैं ही पागल हूं,प्यार में, या प्यार के लिए, क्या फ़रक पड़ता है। -
जरूरी बात ये है कि, मैं ही पागल हूं,प्यार में, या प्यार के लिए, क्या फ़रक पड़ता है।