Indira Kapil  
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An Instant writer
Joined 30 August 2019


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Joined 30 August 2019
25 SEP 2022 AT 14:49

वो दिन भी आएगा जान ए मन
जब तुम्हारी तन्हाई को भी मेरी याद सताएगी
अभी जो बैठे हो यूं नज़र अंदाज़ कर
वो नज़र अंदाजी भी तब तुम्हें रुलायेगी।
वो दिन भी आएगा मेरे दिल ए सबब
जब अजनबियों के जैसे ये रूह
तुम्हारे करीब से गुज़र जाएगी
देखते रह जाओगे तुम बस यूं ही
जब ये दिल किसी और की हो जायेगी।
वो दिन भी आएगा....!

_@kapil

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17 JAN 2022 AT 18:38

बेहतर से वाकिफ हूं तुम्हारी
मशरूफियत से जाना,
मगर फिर भी क्यूं
इतंजार तुम्हारे खत का
हर बार रहता है मुझे!!

_@kapil

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17 JAN 2022 AT 17:41

मुलाकातें इतनी भी न हो कि
ये दिल मोहब्बत का गुलाम बन जाए,,
और दूरियां इतनी भी न हो कि
उसकी यादें बस एक पैग़ाम बन जाए।

_@kapil

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12 JAN 2022 AT 0:08

#To know
To know the people
You are surrounded with,
To know the gems
You are awarded with,
You need to swim to the depth,
The depth of the oceans,
the depth of the emotions,
The depth alluring for the ordinary,
The depth finding
friendship from the rivalry,
All you have to do is
'To Know'
No matter,less or the more
Whether once or to encore
Life is so beautiful darling
So live it fully
And learn to
Explore!!

_@kapil

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11 JAN 2022 AT 0:06

Sometimes writing isn't enough
To express ur emotions,,
Often,someone's shoulder
is needed
to bear even the
simple thoughts
Upheaveling in ur mind!!

_@kapil

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8 JAN 2022 AT 22:06

#दूरियां....
दूरियां बेशक आई हो हम दोनों के दरमियां
मगर मोहब्बत का खुशनुमा सफ़र
अब भी बरकरार है,,
गर मिले किसी मोड़ पर तो ज़रा मुस्कुरा देना
क्यूंकि जुबां में न सही मगर दिल में तो अब भी गालिब
मेरे लिए वही तुम्हारा प्यार है।
दूरियां बेशक आई हो हम दोनों के दरमियां...!

_@kapil

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8 JAN 2022 AT 0:30

दोबारा कभी जो तुमसे मुलाकात हो जाए
ऐ मोहब्बत,,बस तुमसे और सिर्फ तुमसे ही
एक बार फिर दिल के जज़्बात कहे जाए
ऐसा नहीं कि मुझे तुम्हारी ज़रूरत नहीं,,
बस मेरी इस दूरी को एक होनी समझ
थोड़े वक्त के लिए इस कश्मकश से मुझे
आजाद किया जाए
ऐ मोहब्बत,,
दोबारा कभी जो तुमसे मुलाकात हो तो
बस तुमसे और सिर्फ तुमसे ही
एक बार फिर दिल के जज़्बात कहे जाए।।
ऐ मोहब्बत.....दोबारा कभी!

_@kapil

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15 DEC 2021 AT 14:55

सुना था मोहब्बत एक नशा है,
जाम आंखों से दिल में उतरती है,
मगर जो नशा उतर जाए
उस मोहब्बत में,
तो क्या सचमुच वो मोहब्बत रहती है?

_@kapil

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11 DEC 2021 AT 0:11

बरसों से ख्वाहिश थी
चांद को करीब से देखने की,
उन्हें देखा तो लगा,,
जैसे चांद ख़ुद ही
उतर आया है आसमां से,
इस मुंतजिर से
मुलाकात करने।।
_@kapil

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10 DEC 2021 AT 17:48

शुरू शुरु में होता है,
पैर ज़रा लड़खड़ाते हैं
लक्ष्य हासिल होगा या नहीं
इस पर भी
आशंकाओं के बादल छाते हैं,
मगर हौसला अगर बुलंद हो
तो होता हर सफ़र हसीन है ,
काफ़िर तू ही मर्ज है
और तू ही अपना हकीम है।
बेशक
मंज़िल तेरा सुकून देगी
होंगे सुकूं के हर पल वो नसरीन
मगर बात जब सफर की आएगी
तब वे लगेंगी जैसे हो
बेहद नाज़नीन।।
_@kapil

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