Imran Khan afi  
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गुमशुदा

Instagram ... rockimmy1994
Joined 4 January 2020


गुमशुदा

Instagram ... rockimmy1994
Joined 4 January 2020
3 DEC 2022 AT 0:23

Happy anniversary dear शादी की सालगिरह की बहुत बहुत मुबारकबाद । देखते ही देखते 1 साल भी मुक्कमल हो गया। बस फ़र्क़ इतना है इस एक साल में आप आंगे बढ़े और बढ़ते ही गये में थमा और आज भी उसी जगह थमा रह गया ।आज भी ढूंढता हूँ उन लम्हों को जिनका अब कोई बजूद नही। नही भुलाये जाते वो पल जो कभी हमने जिये थे। एक हकीकत जिंदगी को आज भी कोई बुरा ख्बाव समझता हूँ ना जाने कब वो नींद खुलेगी जो में आजतक सोया ही नही और ना जाने कब ये ख्बाव टूटेगा। ऐसा नही की मैंने खुद को जगाने की कोशिश नही की बहुत कोशिश की घर बदला शहर बदला नौकरी बदली देश तक बदल लिया पर में खुद को आज भी वहीं खड़ा देखता हूँ जहाँ से आप आंगे बढ़े थे में आज भी वहीं खड़ा हूँ।
Happy anniversary dear Allah bless both of you

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19 NOV 2022 AT 1:38

बिछड़न शब्द ही कितना अजीब अलहदा है जैसे कि इसके मायने । किसी से भी बिछड़ना काश उतना ही आसान होता जैसे लाइट का स्विच ऑफ करते ही बल्ब का बन्द होना या फिर बाती का दीपक जिसकी बाती को बुझाते ही वो बिछड़ जाती है प्रकाश से । काश इतना ही आसान होता ये बिछड़न हम धड़कते दिल बालों के लिये भी । हम बिछड़ते तो है पर रेत के पहाड़ की तरह ढहते हैं धीरे धीरे या फिर टूटे घड़े से रिस्ता है पानी जैसे धीरे धीरे और हम सहार उठते हैं दिन के उजयाले में भी जब यादों भरे लम्हें हवा की तरह गुजरते हैं आंखों के सामने से हम मौन हो जाते हैं एक ज़िंदा लाश की तरह जो निहार तो सकती है पर मूक है उसके अल्फ़ाज़ दबे हुये हैं उस अनचाही बिछड़न की पीर के तले जो चीखना तो चाहतें हैं पर वो बाध्य हैं मोहब्बत के किये हुये वादों से ।
हम बिछड़ तो जाते हैं पर ताउम्र गुजर जाती है बिछड़ते बिछड़ते ।

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18 NOV 2022 AT 20:07

वो शख़्श है मुलाकात नही कोई
कैसे भूलूँ ये भूलने की बात नही कोई...

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7 NOV 2022 AT 23:13

एक और दिन गुज़र गया एक सूरज और ढल गया
किसी की बन गयी जिंदगी तो किसी का दिन उजड़ गया ।
कोई ख़ुशी ख़ुशी घर गया
तो कोई मयख़ाने को टहल गया ।
एक और दिन गुज़र गया एक सूरज और ढल गया
किसी ने उड़ाई दावतें यारों के संग ।
कोई महज चंद चावल के दानों को तरस गया ।
एक और दिन गुज़र गया एक सूरज और ढल गया
कोई ख़ुश है कि हमसफ़र है साथ
कोई बदलता रहा करवटे बीते वक़्त की यादों के साथ
एक और दिन गुज़र गया एक सूरज और ढल गया
किसी की बन गयी जिंदगी तो किसी का दिन उजड़ गया ।

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2 NOV 2022 AT 2:58

उस हादसे के बाद
हादसा ये भी हुआ
ख्वाहिश मरने की
पर जीना मुझे पड़ा

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1 NOV 2022 AT 1:09

वो बाक़िफ़ कहां था मेरे दर्द से
उसे तो अपने हुस्न पर गुमान था
उसे दिल लगी का शौक़ था
दिल मेरा भी बे लग़ाम था
चंद लम्हों में मुकरा वो उन वादों से
जिन वादों में ताउम्र का जिक्र और सवाल था
आज मिले वर्षों बाद एक महफ़िल में
वक़्त का वो चैनचहाता पक्षी
गुमशुम था गुमनाम था ।

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31 OCT 2022 AT 2:48

ये मीठा लहज़ा प्यारी बातें
अब हम इस दिलासे में नही आयेंगे
खैर उसकी कोई ख़बर सुनाओ यारों
जो कहती थी कि तुम्हारे बिना हम मर जायेंगे ।

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26 OCT 2022 AT 23:21

कुछ एहसास ऐसे होते हैं जो कभी किसी से भी बयां नही किये जाते वो जहन में आते हैं वहीं रहते हैं और एक दिन वहीं दफ़न हो जाते हैं

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8 OCT 2022 AT 2:23

पुरसुकून है ये खामोशी
अल्फ़ाज़ बड़ा शोर मचाते हैं

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30 SEP 2022 AT 23:52

ना मंजिलों के लिए ना ही रास्तों के
लिए मेरा ये सफर है खुद से खुद की
पहचान के लिए...

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