Iam Sharma   (बदतमीज कलम ❤️)
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Joined 31 July 2017


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23 JUL 2023 AT 2:09

मैं क्यूं हूं?
मैं क्या हो सकता हूं?

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23 JUL 2023 AT 2:04

बहुत चीखा मैं अबतक पर अब
मुझे खामोशी रास आने लगी है।

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31 JAN 2022 AT 2:31

I Keep on
counting my breaths.— % &

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31 JAN 2022 AT 2:27

जनवरी साथ लिखी थी हमने
मलाल है दिसंबर तक बिखर गए— % &

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16 JAN 2022 AT 16:03

तब हमारे बीते पलों की
तुम मुझे सजा देना
और अब आगे जो भी बुरा हो
उसका बिल तुम मुझे थमा देना।

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16 JAN 2022 AT 15:09

मोहब्बत में जो किए मैंने तेरे साथ पाप
कल आंखों के गंगाजल से नहा कर लिए साफ।

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30 DEC 2021 AT 13:08

क्या ही लेकर आया था तू फ़कीर।

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18 DEC 2021 AT 21:16

यूं तो अक्सर घूमते है हम भी हुस्न की गलियों में
पर अब इस दिल का व्यापार नही होता।
खूब मन से चढ़ाते है अपनी पतंग को आसमान में
पर अब पेंच लड़े ऐसा अंजाम नही होता।

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18 DEC 2021 AT 20:58

जितने बढ़ते हैं जीवन के सितम
उतनी ज्यादा अच्छी चलती है ये कलम

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17 DEC 2021 AT 20:45

वो पल बहुत ही खास थे
जब तुम मेरे इतने पास थे
वो कुछ अलग से अहसास थे
जब निगाहों के मंजर में सिर्फ आप थे

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