Himanshi Sharma   (किशोरी हिमांशी)
406 Followers · 4 Following

read more
Joined 23 October 2019


read more
Joined 23 October 2019
12 NOV 2022 AT 22:24

प्रश्न चिन्ह है ,
ईश्वर की
मानवीय रचना पर।
यक़ीन मानो ,
मानव की ईश्वरीय रचना
स्वयं में पूर्ण विराम है।
क्यूँकि , ईश्वर
भय , जिज्ञासा और
मानवीय कल्पना
का प्रतिबिंब है।


~किशोरी हिमांशी
{१२/११/२२}


-


30 JAN 2022 AT 2:03

______________________

वो दिल पे रखा पत्थर इक झटके में पिघल जाता है ,
उसकी याद में तपन बहुत है।

~किशोरी हिमांशी
३०-०१-२०२२— % &

-


19 JAN 2022 AT 19:20

_____________________

जो कहते हैं कि ,
दूरियां प्रेम को कम नहीं करतीं ।

दरसल वे लोग यथार्थ से दूर भागकर, कविताओं से छल करते हैं।

जिनका भी प्रेम सैंकड़ों-हजारों किलोमीटर कहीं दूर है उनसे जाकर पूछिए!
"कि कैसे ये दूरियां रास्तों से होकर हृदयों तक आ जाती हैं।"

_____________________________

~किशोरी हिमांशी
१९-०१-२०२२

-


15 OCT 2021 AT 14:25

हमारे समाज की
सबसे बढ़ी विडंबना है की
हम अपनी रीतियों को
कुरीतियों में बदल देते हैं,
"राम नाम सत्य है"
ये तो सभी जानते हैं
लेकिन बस शव यात्रा में ही
ये सत्य दोहरा सकते हैं।
तो क्या अन्य शुभ या
सामान्य समय में बोलने पर
"राम नाम असत्य हो जाता है" !!!

॥जो शाश्वत सत्य है
वो तो हर परिस्थति में
कहा सकता है,
गाया जा सकता है॥

-


28 SEP 2021 AT 22:41

॥ कैवल्य ॥
कैवल्य के लिए वन में जाकर तपस्या कि आवश्यकता है क्या?
जब दाना ले जाती चीटियों कि लंबी कतार ही जीवन कि वास्तविकता बता जाती हैं।
कितना सा जीवन होता है उनका ,हम गलती से एक ऊंगली भी रख दें तो समाप्त !!!
लेकिन फिर भी लगी रहती हैं मिट्टी का घर बनाने ,दाना ढोने में।

हम भी तो यही कर रहे हैं ना ????

-


21 SEP 2021 AT 21:19

ना तू मेरी आदत है ना चाहत !
बस उन्हें याद कर ,तुझे अपने होठों तक ले आती हूँ।

-


27 AUG 2021 AT 23:31

कौन था वो शख्स और कहाँ गया...?
जाने से जिसके खालीपन सा लगता है !

उस शख्स से अनजान , शख्सियत से उसकी वाकिफ !
क्यूँ उसका इस कदर चले जाना मुझे अंदर तक चुभता है... ?

-


19 JUN 2021 AT 18:40

जी छोड़िए भी अब तारों की राह !
आपके लिए तो सारा आसमान बाकी है

जुगनुओं से भी क्या दिल्लगी करना,
जब चाँद से ही आपकी पहचान काफी है।

-


15 JUN 2021 AT 16:19

इक बवंडर जो मुझे उड़ा ले जाना चाह रहा,
कोई तो आए बजन रखे रूहानी मुहब्बत का,

-


14 JUN 2021 AT 18:46

इत्तेफाकन मिले वो अँधेरे की गहराई से
देखा तो डर गए ; अपनी ही परछाई से

-


Fetching Himanshi Sharma Quotes