Harish Raja   (Fire inside)
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Joined 14 August 2020


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4 HOURS AGO

I think 🤔 was after .......
Friday.





Oh this Saturday...I remember
It's just before the Sunday.

🥱😜😜😜😜

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4 HOURS AGO

बच्चा ! होते नहीं निराश !

रोज़ काले कुत्ते को रोटी डालो, पीपल
को थोड़ा जल चढ़ा लो !

बन जाएंगे बिगड़े काम सभी, नींबू मिर्ची
टांग चौखट पर, पहले दायां पैर बाहर निकालो !

होते नहीं निराश बच्चा, बहुत हैं नुस्खे,
बहुत हैं पैंतरे कोई भी अपना लो ।।

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YESTERDAY AT 15:23

ज़ाया न की जाए !

दाने दाने पर लिखा हुआ है
खाने वाले का नाम !

क्या ख़बर के कहीं से कोई
भूखा चला आए ।।

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YESTERDAY AT 9:07

एक पायदान के बाद दूजे पर चढ़ने के
लिए, पिछला सबक ज़रूरी है !

हार हो या जीत, फिर फिर आएंगी सामने
हर बार, एक नसीहत ज़रूरी है !

बुद्धिमत्ता, हुनर, शिक्षा तो, है ही ज़रूरी
जीवन में हर एक चीज़ का, अनुभव बहुत ज़रूरी है ।।

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YESTERDAY AT 6:52

सांसों पर बोझ सा रहता है !

लेते तो हैं ज़िन्दगी, ज़िन्दगी
ज़िन्दगी सी नहीं आती !

अब हवा भी क्या करे, क्या सांसें
किया करें ?

ज़िन्दगी को, ज़िन्दगी ही जब
रास नहीं आती ।।

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YESTERDAY AT 6:42

सुबह ज़रूर आएगी !

आती थी ज़रूर, रोज़ सहर
पर सुबह नहीं आती थी !

रात ने वादा किया था मुझसे और,
की थी वादाखिलाफी !

जो सुबह रोज़ आती थी
वो होती थी नाकाफ़ी ।।

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2 MAY AT 19:19

हिन्दी में तो चलो फिर भी ठीक है
कुछ न कुछ निकल ही आता है, लिखने को
लेकिन ये जो अंग्रेजी में अपने कोटबाबा टास्क देते हैं ना, April tought me, May tought me .... वगैरह-वगैरह, कसम से लगता है दीवार में अपना सर पटक लें ।।

🥱😜😜😜😜😜

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2 MAY AT 19:14

जीना तो, चाहता है
हर कोई !

कहीं यादें, जीने
नहीं देती किसी को !

कहीं, यादों के बिना, जी नहीं
पाता कोई ।।



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2 MAY AT 17:05

चंद मुठ्ठी भर लोग हांक सकते हैं
सारे हुजूम को हमारे !

हम सवाल भी नहीं करते, ऐसे
बेहतरीन खयालात हैं हमारे !

कहीं भी, बियाबान में, आसानी से
छोड़ा जा सकता है हमें !

उठकर, गिरकर, शून्य से फिर से, हर बार
शुरू कर देते हैं, हम बेचारे !

जानते हैं सब मगर दुनिया को फिर
भी बताना है, इस बार चार सौ के पार जाना है ।।🤗

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2 MAY AT 15:59

कहने पर हटाईं ज़ुल्फ जो चेहरे
से, तो क्या हटाई ?

बिना कहे ही, जब हटाते हो, क़सम
से गज़ब ढ़ाते हो !

हुआ जब कभी जो मिलना, दुपट्टे पे
उंगलियां, कमाल फिराते हो !

तुम ना भी करो इज़हार- ए- मोहब्बत
तो चलता है !

हम जाने की कहते हैं, तुम उदास
आंखों से ही, सबकुछ कह जाते हो ।।

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