Harish Jangir  
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Joined 9 June 2017


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Joined 9 June 2017
13 NOV 2023 AT 9:44

मन के भाव रंगों से निखरे, आसमां में फैला उजाला
नीर से आंखे भर उठी,जब दिन आया खुशियों वाला
षान्मुका जैसा कौशल मिले ,और प्रभु ले घर अवतार
चमचमाता,रंग बिरंगा ऐसा हो दिवाली का त्योहार।।

तमस को कर दिया दूर,अंगने में लक्ष्मी जी आये हैं
नूपुर की थिरकन के साथ मां शारदे को संग लाए है
जाकर करो स्वागत द्वार पर,विनायक ने दी हैं दस्तक
दीप जलाओ,खुशियां मनाओ,राम स्वागत में झुकाओ मस्तक।।

हर घर दिया चमक रहा,दे रहा समृद्धि का संदेश
रिमझिम रिमझिम धन बरसे,मिटा दो सारे द्वेष
शगुन लेकर हाथों में भर दो रिश्तों में मिठास
खुशियां दामन में भरकर दिवाली बने खास ।।

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18 MAR 2022 AT 11:20

रंग लगे हर तन को, वसुंधरा का आंचल मुस्कुराए
हसीं, ठिठोली और खुशियों से हर आंगन महकाए
विषाद,द्वेष,सब होलिका में जला कर आया हूं
मैं इस बार उम्मीदों का प्रहलाद बचा कर लाया हूं

रंग प्रीत का ऐसा लगे,गली गली फागुन छा जाए
उड़े गुलाल हर घर, सब बैर मन में प्रीत आ जाए
चंग की थाप के साथ हरि प्रेम का संदेश लाया हूं
मैं इस बार उम्मीदों का प्रहलाद बचा कर लाया हूं

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8 MAR 2022 AT 8:01

घर की शोभा मंदिर की श्रद्धा, सब तुमसे हैं "नारी"
त्याग,तपस्या,प्यार ,ममता, सब तुमसे सीखे हैं "नारी"।।

मीरा सी भक्ति हैं तुझमे,ज्ञान सरस्वती सा तुझमे "नारी"।
देवकी सी ममता लिये, प्रेम समेटे तुम "नारी"।।

बंदिशो के जकड़न में भी, परचम लहराती तुम "नारी"।
घर की दहलीजों के झगड़ो को,दूर करती तुम "नारी"।।

पिता के घर से विदा होकर भी, दो घर संभालती तुम "नारी"।
तुम भाई की कलाई का गुरूर,अभिमान पिता का तुम "नारी"।।

दायरों के तम को मिटाकर,कुल दीपक बनती तुम "नारी"।
वात्सल्य, करुणा,प्रेमभाव से, घर को महकाती तुम "नारी"।।

कुछ हैवानों की हैवानियत से,चोटिल होती तुम "नारी"।
अब नोच लेना मुहं उन दरिंदो का,चुप मत रहना तुम "नारी"।।

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1 MAR 2022 AT 8:09

महाकाल को जब जब पुकारा, साया बनकर आया हैं
नीर बहाकर जटाओं से बंजर धरती को सोना बनाया हैं
षाण्मातुर सी कौशलता देना और रहना हमेशा मेरे साथ
तुम कैलासी ,तुम अविनाशी सिर पर रख दो अपने हाथ

हलक में जो गरल लिए ,रखे जो मस्तक पर चांद
रिसती हैं जिसकी जटा में गंगा, रहता खुद में ही उन्माद
शब्दों से क्या महिमा लिखूं, वहीं दिन हैं और वहीं रात
तुम कैलासी, तुम अविनाशी सिर पर रख दो अपने हाथ

तम का दंभ टूट गया, महाकाल का जब जाप हुआ
नुपुर सी थिरकने लगी दुनिया, नटराज का जब नाच हुआ
जाकर एक दिन केदारनाथ बस लेना हैं महादेव का आशीर्वाद
तुम कैलासी, तुम अविनाशी सिर पर रख दो अपने हाथ


एक हाथ में त्रिशूल लिए और एक हाथ में भांग का प्याला
रुद्र माला गले में जिनके,हर हर शिवाय हैं सबसे निराला
सृष्टि का पालन करते रहना,रखना हरदम मेरी बात
तुम कैलासी, तुम अविनाशी सिर पर रख दो अपने हाथ

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5 FEB 2022 AT 15:14


हे! वागीश्वरी मेरी कलम की ऐसी तकदीर हो जाए
जो भी मैं लिखूं वो पत्थर की लकीर हो जाए !!

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28 JAN 2022 AT 10:46

जब खुशी बच्चों के दिल से आए
फिर गम कहा अपना मुंह छिपाए
लाल किला खुद सलामी दे जिसको
ये हाथ जब तिरंगा लहराए 🇮🇳

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14 JAN 2022 AT 7:58

फिजा की फिर से आजमाइश कर लूं
परिंदों की तरह दूर की उड़ान भर लूं।

तेरे सहारे में सारा आसमान छू लूं
तू बन मेरी डोर में तेरा पतंग होलूं।।

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4 JAN 2022 AT 11:26

वो इंतजार में बैठी तेरे अब कलम चलाने लगी हैं
इस बार सिर्फ उसका बनकर आओगे सबको बताने लगी हैं

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1 JAN 2022 AT 0:37

हौसलों की उड़ान का अब ना कोई आसमान हो
जागकर काटी जिसके लिए राते वो पूरा अरमान हो।।
खताओं को भुलाकर तुम नया इतिहास लिख जाना
नूतन वर्ष तुम इस बार ख्वाब सच करके दिखलाना।।

पढ़ सकूं हर गुमसुम चेहरे को,ना अपनों में कभी तकरार हो
'हरीश' लिख सके अल्फ़ाज़ दिलों के कलम की ऐसी धार हो
नकाब में छिपे चेहरों की सच्चाई तुम ही बतलाना।
नूतन वर्ष तुम इस बार ख्वाब सच करके दिखलाना।।

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29 DEC 2021 AT 14:08

वो इस तरह से भी अपनी मोहब्बत जताता हैं
वो हर रोज मेरा लिखा मुझे ही पढ़ कर सुनाता हैं❤️

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