हिन्द के गौरव- देश की रक्षा की ख्रातिर हर पल सीमा पर रहते हैं, यह सब हिन्द के गौरव हैं. प्राकृतिक आपदा मे परिवार छोड़ लोगों की जान बचाते हैं, यह सब हिन्द के गौरव हैं. आतंकवाद से सबको बचा कर ख़ुद की जान गंवाते हैं. यह सब हिन्द के गौरव हैं. सालों साल कठिन मेहनत कर तिरंगा चाँद पर पहुंचाते हैं, यह सब हिंद के गौरव हैं.
हद से ज़्यादा संजीदगी भी दोस्तों अच्छी नहीं थोड़ी सी नादानियाँ कर मुस्कुरा भी लीजिये. यारों - रिश्तेदारों से मिलते रहें समय समय पर अपनी ख़ुशियों की ख़ातिर उनको चंद लम्हे दीजिये.
आया मौसम बसंत बहार ठंडी - ठंडी चले बयार. चलो बागों में घूमे मन लहर लहर झूमे. कड़क सर्दी को कर विदा औस हुई फूलों पे फिदा सूर्य किरणें पत्तों को चूमें मन लहर लहर झूमें. जीवन के दिन चार हैं चले जाना उस पार हैं प्रेम से रहो यहीं कहूं में मन लहर लहर झुमें. प्रेम का उत्सव आने वाला ख़ुशियाँ साथ में लाने वाला क्यों किसी से डरूं मैं मन लहर लहर झुमें.