झूठ को छुपाया नहीं जा सकता सच को दबाया नहीं जा सकता, जिसे भगवान बनने का शौक था वह इंसान भी नहीं बन सका, जिसे राम कहलाने का शौक था वह रावण कहलाने लायक भी नहीं रहा।।
एक अपना खून बहा कर रक्षा करता तो दूसरा अपना पसीना बहा कर पेट भरता नेताओं के भाषण में और न्यूज़ चैनल की डिबेट में तो कई बार यह गीत चलता मगर क्या जमीनी हकीकत में भी जय जवान जय किसान होता?