बहुत होशियारी से उसका फेसबुक खोल लिया था अपने मोबाइल में, व्हाट्सएप भी स्कैन कर लिया था, प्यार का खेल था यह या किसी की बेवफाई का सबूत इक्ट्ठा करने की कोशिश !
पहरेदारी से थोड़ी प्रेम चलता है , धोखा जिसकी नियत है वो रास्ता ढूंढ ही लेगा जिसने दूर जाने की ठान ली है वोह चला ही जाएगा ।
एक रिश्ते और एक पौधे में कोई फ़र्क नहीं है, शुरू में दोनों को ज्यादा से ज्यादा देखभाल चाहिए । दोनों को ही निरंतर पानी की जरूरत है , नज़रंदाज़ करने पर दोनों सूखने लगते हैं, सब्र से दोनो मजबूत होते हैं और सदा हरे रहते हैं ।
मुझे अब प्यार का हवाला मत दे, प्यार इस घर से कब का जा चुका है । इंतकाल हो गया उसका ! तुम खुद उसकी कबर पर मिट्टी डाल आई हो, मैं जाता हूं कभी कभी वहां फूल ले कर ।